देवकीनंदन महाराज से सुनिए 18 पुराणों में से एक भागवत पुराण का महत्व

Devkinandan Mahara: सनातन धर्म दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है। आज इसे हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही सनातन धर्म में 18 पुराणों का वर्णन मिलता है जिनका विशेष महत्व माना गया है. पुराण व्यक्ति को जीवन जीने का सही तरीका सिखाने में कारगर हैं. तो चलिए देवकीनंदन महाराज की कथा में भागवत पुराण का महत्व जानते हैं.

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Edited By: JBT Desk

Devkinandan Mahara: हिंदी धर्म के ग्रंथ-पुराण में ईश्वर के स्वरूप और उनकी लीलाओं के बारे में बताया गया है. इसके साथ ही सिद्धांतों के बारे में बताया गया है. हिंदू धर्म में कुल सभी पुराणा का अलग-अलग महत्व है. यह पुराण केवल देवी-देवताओं की कथा तक ही सीमित नहीं है बल्कि इनमें  खगोल विज्ञान, चिकित्सा, इतिहास और कई अन्य विषय भी शामिल हैं.

इस बीच आज हम आपको इस वीडियो में देवकीनंदन जी महराज के कथा के माध्यम से भागवत पुराण का महत्व बताने जा रहे हैं. बता दें कि भागवत पुराण हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है. इसे श्रीमद्भागवतम् या केवल भागवतम् भी कहते हैं. इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है.

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