भारी बारिश के चलते आधुनिक तकनीक से बने पुल, बांध, फोरलेन सब टुटकर व्यास नदी में समा गए, परंतु महादेव का प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर लगभग 150 सालों से सैकड़ों बार व्यास के प्रचंड वेग का सामना करता आया है और आज भी अडिग है.
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. इसका सबसे ज्यादा असर मनाली से मंडी तक देखा गया. मनाली से लेकर मंडी तक ब्यास नदी ने ऐसा तांडव मचाया कि कई पुल ध्वस्त हो गए हैं.
सोशल मीडिया पर यूजर्स लगातार पंजवक्त्र मंदिर की फोटो शेयर कर लिख रहे हैं कि सारा आधुनिक निर्माण धराशाई हो गया है, लेकिन ये मंदिर अभी भी टिका हुआ है.
भोलेनाथ की नगरी छोटी काशी मंडी का पंचवक्त्र महादेव मंदिर एक समृद्धशाली इतिहास का साक्षी हैं. मंदिर में स्थापित शिव जी की पंचमुखी प्रतिमा के कारण इसे पंचवक्त्र नाम दिया गया.
बता दें कि छोटी काशी मंडी में भगवान शिव का प्राचीन पंचवक्त्र महादेव मंदिर ब्यास नदी के किनारे पर है. ब्यास के किनारे बना ये प्राचीन मंदिर हर साल मॉनसून के दौरान जलमग्न हो जाता है, लेकिन पूरी तरह पानी में नहीं डूबता है.