कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने से होती हैं कई गंभीर बीमारियां, तुरंत करें ये उपाय
Kundali Planets Effects: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी और मजबूत है तो व्यक्ति को जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है, वहीं यदि कुंडली में ग्रह कमजोर हैं तो व्यक्ति को रोग, दोष और परेशानियों का सामना करना पड़ता है
Kundali Grah Effects Disease: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का विशेष महत्व है. व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति न केवल उसके व्यवहार, बल्कि जीवन में आने वाली परेशानियों और बीमारियों को भी प्रभावित करती है. कुंडली में जब ग्रह मजबूत और शुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है. वहीं, ग्रहों की कमजोर स्थिति जीवन में कठिनाइयों और बीमारियों का कारण बनती है.
कुंडली में ग्रहों की कमजोरी और बीमारियां
सूर्य ग्रह की कमजोरी:-
सूर्य ग्रह कमजोर होने पर व्यक्ति को सिरदर्द, आंखों की समस्या, कान के रोग और दिल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. यह कमजोरी आत्मविश्वास की कमी और शारीरिक कमजोरी का भी कारण बनती है.
चंद्र ग्रह की कमजोरी:-
चंद्र ग्रह कमजोर होने पर मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. व्यक्ति को तनाव, अनिद्रा, डर और मानसिक अस्थिरता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
मंगल ग्रह की कमजोरी:-
मंगल ग्रह कमजोर हो, तो पित्त विकार, त्वचा रोग, टायफाइड और अपेंडिक्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह व्यक्ति के शारीरिक संतुलन को भी प्रभावित करता है.
बुध ग्रह की कमजोरी:-
बुध ग्रह कमजोर होने से व्यक्ति को पित्त, कफ, नाक और गले से जुड़ी बीमारियां होती हैं. साथ ही, यह बुद्धि और निर्णय क्षमता में कमी का कारण बनता है.
गुरु ग्रह की कमजोरी:-
गुरु ग्रह कमजोर होने पर गठिया, जोड़ों का दर्द, सूजन और कब्ज जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. यह व्यक्ति की आर्थिक और मानसिक स्थिरता पर भी प्रभाव डालता है.
इन समस्याओं से बचाव के उपाय
इसके अलावा आपको बता दें कि अगर किसी ग्रह की कमजोरी से स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, तो ज्योतिषीय उपायों का सहारा लिया जा सकता है. ग्रहों की पूजा, मंत्र जाप और रत्न धारण से इन दोषों को कम किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.)