घर में अक्सर अचानक किसी तरह की मुसीबतें आ जाती हैं, जिनसे निपटने के लिए घरवाले परेशान हो जाते हैं. अचानक धन की हानि, बीमारी का बढ़ता हुआ सिलसिला और घर में क्लेश व विवाद बढ़ने लगते हैं. इन सभी घटनाओं के पीछे कई बार किसी नकारात्मक शक्ति या भूत-प्रेत का वास हो सकता है.
गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें जीवन और मृत्यु से संबंधित कई रहस्यमयी बातें और संकेत दिए गए हैं. विशेष रूप से प्रेत कल्प में भगवान श्री कृष्ण ने गरुड़ जी को प्रेतात्माओं और उनके प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जो घर बुरी शक्तियों से प्रभावित होते हैं, वहां बार-बार मुसीबतें आती हैं और घर का वातावरण नकारात्मक हो जाता है. घर में रखे पैसे का अचानक से बेमतलब खर्च होना, बीमारियों का बढ़ना और अन्य नकारात्मक घटनाएं इस बात का संकेत हो सकती हैं कि घर में कोई बुरी शक्ति या प्रेत का वास है.
गरुड़ पुराण में भगवान श्री कृष्ण ने यह बताया है कि जिस घर में भूत-प्रेत का वास होता है, वहां माता लक्ष्मी का वास नहीं होता. ऐसी जगहों पर दरिद्रता का वास होता है और सुख-समृद्धि से दूरियां बढ़ जाती हैं. घर में प्रेतों के वास के कई संकेत हो सकते हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, बासी खाना प्रेतों को आकर्षित करता है. अगर घर में बहुत देर तक बासी खाना रखा रहता है, तो यह प्रेतों के आकर्षण का कारण बन सकता है. इसके अलावा, घर में थूकना भी अशुभ माना जाता है क्योंकि यह प्रेतों का आहार होता है. घर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए, ताकि नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश न कर सकें.
जब घर में लगातार क्लेश होता है, धन का नुकसान होता है, या घर के सदस्य अचानक बीमार पड़ने लगते हैं, तो इसे प्रेतों के वास का संकेत माना जा सकता है. इसके अलावा, अगर घर में परिवार के सदस्य या अन्य लोग स्वप्न में किसी जानवर जैसे हाथी, घोड़े या बैल को गुस्से में देखकर हमले करते हुए देखें, तो यह संकेत हो सकता है कि घर में प्रेत का वास है.
भगवान श्री कृष्ण ने यह भी बताया है कि प्रेत अपनी मृत्यु के बाद वायु रूप में अपने परिजनों के घर में प्रवेश करते हैं. यह वायु रूप में दिखते हैं और कभी-कभी वे अपने परिजनों को अनजाने में कुछ अशुभ संकेत देते हैं, जैसे कि डरावने सपने दिखाना. यदि कोई व्यक्ति अचानक जंजीरों में बंधा हुआ या प्यास से तड़पता हुआ सपना देखे, तो यह उस व्यक्ति के मृत परिजनों के प्रेत रूप में घर में प्रवेश करने का संकेत हो सकता है.
अगर घर के सदस्य बारी-बारी से बीमार पड़ने लगते हैं या घर में आए दिन किसी न किसी कारण से क्लेश होता है, तो यह संकेत हो सकता है कि घर में किसी प्रेत का वास है. विशेष रूप से, अगर कोई व्यक्ति अचानक घर में उलटी-सीधी स्थिति में खुद को देखता है या अन्य असामान्य घटनाएं घटती हैं, तो यह संकेत है कि वहां बुरी शक्ति का प्रभाव हैॉ.
घर में प्रेतों से बचने के लिए कुछ धार्मिक उपाय भी हैं, जो गरुड़ पुराण में बताए गए हैं. घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ, व्रत और दान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसके अलावा, घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता या अशुद्धता का ध्यान रखना चाहिए. महिलाएं यदि घर के अंदर सोने से ज्यादा समय बाहर नहीं बिताती हैं या घर के पुरुष अगर नारी का अपमान करते हैं, तो यह भी प्रेतों को आकर्षित करता है. इसी तरह के नकारात्मक व्यवहार घर के वातावरण को खराब कर सकते हैं.
अगर आपको इन संकेतों में से कोई भी संकेत दिखाई दे, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे नजरअंदाज न करें. घर में किसी बुरी शक्ति या प्रेत के वास को पहचानकर उसके प्रभाव से छुटकारा पाने के उपाय किए जा सकते हैं. घर को साफ रखना, धार्मिक कार्य करना और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाना प्रेतों को दूर करने में मदद कर सकता है. गरुड़ पुराण में दिए गए इन संकेतों और उपायों को ध्यान में रखकर आप अपने घर को बुरी शक्तियों से सुरक्षित रख सकते हैं. First Updated : Monday, 25 November 2024