अकाल मृत्यु का है खतरा? धनतेरस के दिन कर लें ये काम, टलेगा खतरा
Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन के बस कुछ दिन ही बाकी है. ऐसे में भगवान कुबेर और धनवंतरी की पूजा की जाती है. जिससे घर में मां लक्ष्मी का वास हो. धनतेरस के दिन शाम को यमराज के नाम दीप जलाए जाते हैं. इसे यम दीपक भी कहते हैं, जिससे अकाल मृत्यु नहीं होती है.
Dhanteras 2024: सनातन धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व होता है धनतेरस के दिन से ही दीपावली उत्सव की शुरुआत भी हो जाती है. इस दिन कुछ खास चीजों को खरीद कर घर लाना बेहद शुभ भी माना जाता है. ज्यादातर लोग धनतेरस के दिन झाड़ू स्टील के बर्तन सोना और चांदी जैसे आभूषण की खरीदारी भी करते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार 29 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा धनतेरस के दिन धार्मिक मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि की भी पूजा आराधना की जाती है इस दिन धनवंतरि का जन्म भी हुआ था. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धनवंतरी देव समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे.
यम का दीपक जलाने की विधि
1. धनतेरस के दिन यम का दीपक जलाने का विधान होता है.
2. दीपक को जलाने के लिए, मिट्टी का चौमुखा दीपक लें, इसमें चार बत्तियां लगाएं और सरसों का तेल भर दें.
3. शाम को प्रदोष काल में, जब सभी परिवार के सदस्य घर आ जाएं, तब यम का दीपक जलाएं.
4. दक्षिण दिशा की ओर दीपक को घर के बाहर रखें. दीपक जलाने के बाद, इसे घर में चारों तरफ़ घुमा दें.
यम का दीपक जलाने का महत्व
1. ज्योतिष के मुताबिक, घर की दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज होते हैं.
2. पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस पर दक्षिण दिशा में यम का दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं.
3. इससे घर में सुख-शांति और आरोग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है.
4. स्कंद पुराण और पद्म पुराण में भी यम के दीपक का वर्णन मिलता है.
‘यम का दीपक’
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दीपक बनाएं और उसमें सरसों का तेल भरें, इसमें चार बाती लगाकर घर की दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाएं. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और खूब धन-संपत्ति देती हैं. धनतेरस के दिन सूर्सास्त के बाद शाम को ही यमराज के निमित्त दीपक जलाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि दीपदान से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते है.