Jagannath Rath Yatra: मजार के सामने क्यों रुक जाते हैं भगवान जगन्नाथ के रथ के पहिए
Jagannath Rath Yatra: उड़ीसा के पुरी में आज स ऐतिहासिक जगन्नाथ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में रथ यात्रा को मजार के सामने क्यों रोका जाता है, आखिर इसकी पीछे की क्या वजह हो सकती है?
हाइलाइट
- उड़ीसा का जगन्नाथ मंदिर चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है। यहां पर श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना की जाती है।
Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत हर साल की तरह इस साल भी 20 जून को की गई है । ओड़िसा के पुरी में निकलने वाली प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। हर साल यह यात्रा आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकला जाता है और आषाढ़ शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन किया जाता है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मौजूद होते हैं।
उड़ीसा का जगन्नाथ मंदिर चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है। यहां पर श्रीहरि विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना की जाती है। जगन्नाथ मंदिर में तीनों की मूर्तियां विराजमान हैं। मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि जहां से भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकलती है तो वह एक मजार के सामने रुक जाती है, आखिर ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं?
3 रथ किए जाते हैं रवाना
हिंदू ग्रंथो के अनुसार माना जाता है कि रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मिलकर अपनी मौसी के घर जाते हैं। यही कारण है कि पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान तीन रथ रवाना किए जाते हैं। जिसमें सबसे पहला रथ भाई बलराम का होता है और दूसरी रथ बहन सुभद्रा का होता है सबसे आखिर में भगवान जगन्नाथ का रथ होता है।
मौसी के घर 7 दिनों तक ठहरे भगवान जगन्नाथ
कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्र ने एक बार नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी, तो उन्हें भाई बलभद्र के साथ रथ पर बैठाकर नगर दिखाने लाए थे। इस दौरन भगवान जगन्नाथ अपनी मौसे के घर 7 दिनों तक ठहरे थे। यात्रा के दौरान एक मजार आता है जहां पर भगवान जगन्नाथ के रथ को रोक जाता है। वह रोड मजार ग्रैंड रोड पर लगभग 200 मीटर आगे है और जैसे ही ये रथ वहां से गुजरता है तो दाहिनी ओर एक मजार है जहां इसे रोका जाता है।