Jagannath Sahastradhara Snan: पुरी की प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए 4 जून रविवार को ज्येष्ठ तिथि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ सहस्त्रधारा स्नान करेंगे। इसके साथ ही 14 दिनों तक उनके दर्शन नहीं किए जायेंगे। साथ ही भगवान जगन्नाथ मंदिर के कपाट भी इन दिनों बंद रहेंगे।उसके बाद 15 जून को मंदिर के कपाट खोल दिए जायेगे। तभी भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों को दर्शन दे सकते हैं।
आपको बता दें कि रथ यात्रा के आरंभिक चरण में भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया जाता है। उसके बाद ही रथ यात्रा निकाली जा सकती है।कई ऐसे लोग होते हैं जिनके मन से कई तरह के सवाल आते हैं।
ऐसे में सबसे पहला सवाल लोगों के अंदर आता है कि आखिर 14 दिनों तक मंदिर के कपाट क्यों बंद रहते हैं हम क्यों भगवान जगन्नाथ के दर्शन नहीं सकते है? आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे।
बताया जा रहा है कि स्नान करने के कारण भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं।उनके भाई और बहन लगातार 14 दिनों तक उनका उपचार करते हैं। जिसके चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
उनका उपचार करने के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियां दी जाती हैं। माना जाता है कि जब पहली बार भगवान जगन्नाथ ने ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान किया था तो तभी वह बीमार पड़ गए थे। जिसके इलाज 14 दिनों तक किया जाता है।
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भगवान जगन्नाथ, और सुभद्रा पूर्ण रूपसे स्वस्थ हो जाते हैं। जिसके चलते मंदिर में नेत्र उत्सव का आयोजन किया जाता है।
बताया जा रहा है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ भक्तों को दर्शन देते हैं।इसके साथ ही नेत्र उत्सव 19 जून दिन सोमवार को मनाया जायेगा। First Updated : Saturday, 03 June 2023