Janmashtami 2023:  प्रभु के लिए भाव और समर्पण होना चाहिए, तभी हम प्रभु के सच्चे भक्त बनेंगे

Janmashtami 2023: जन्माष्टमी का त्यौहार आश्रम में सदैव ही बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें नृत्य, गीत-संगीत, आनंद के साथ गूढ़ ज्ञान भी निहित होता है. इस बार भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में इन सभी का अद्भुत समावेश था. 

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

Janmashtami 2023: जन्माष्टमी का त्यौहार आश्रम में सदैव ही बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें नृत्य, गीत-संगीत, आनंद के साथ गूढ़ ज्ञान भी निहित होता है. इस बार भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में इन सभी का अद्भुत समावेश था. 

कार्यक्रम का शुभारंभ आदरणीय गुरु माँ एवं गुरु परिवार द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ. तदुपरांत परमपूज्य श्री गुरुजी ने आशीर्वाद देते हुए भगवान कृष्ण की पीड़ा की व्याख्या की जो उस कुछ घण्टे पूर्व जन्मे बच्चे ने उस तूफानी रात और बांस की टोकरी में सही होगी.

जो बलिदान नंद बाबा और माँ यशोदा ने अपनी नन्ही सी सन्तान का बलिदान किया, कैसे हमारे भगवान कष्ट सहे और जीवनभर दूसरों के लिए जिये. दैनिक पूजा पद्धति के बारे में बात करते हुए कहा कि उसमें दिखावा नहीं, प्रभु के लिए भाव और समर्पण होना चाहिए- तभी हम प्रभु के सच्चे भक्त बनेंगे. साथ ही उन्होंने ध्यान की एक विशेष विधि सिखाई.

फिर कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए, आश्रम परिवार की एक बच्ची ने अति मनमोहक भरतनाट्यम शस्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया तथा आश्रम के विद्यार्थियों और परिवार जनों द्वारा श्री कृष्ण के जीवन पर एक नाटिका प्रस्तुत की गयी, जिसने श्री कृष्ण से जुड़े अनेक मिथकों को तोड़ा और उनका सही चरित्र उजागर किया. आश्रम की बच्चियों ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया. 

तत्पश्चात आश्रम सुर - साधक मंडली ने अपने भजनों की धुन से सभी को भाव विभोर कर खूब नृत्य कराया. परमपूज्य श्री गुरुजी और श्री गुरु माँ ने भी खूब आनंद के साथ नृत्य कर वातावरण और अधिक आनंदित कर दिया। फिर श्री कृष्ण पूजन हुआ और सभी ने पंक्तिबद्ध होकर दर्शन किए. अंत में परमपूज्य श्री गुरुजी ने स्वयं भजन गाकर सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस प्रकार क्षमा प्रार्थना के साथ यह जन्मोत्सव पूर्ण हुआ. 

calender
07 September 2023, 11:31 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो