कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू, भारत-चीन के बीच बनी सहमति
Kailash Mansarovar Yatra 2025: साल 2020 के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा के दोनों आधिकारिक रूट भारतीयों के लिए बंद रहे. चीन ने इस यात्रा पर कई पाबंदियां लगाईं, जिनकी वजह से भारतीयों के लिए यह यात्रा करना मुश्किल हो गया. चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की फीस तक बढ़ा दी. साथ ही चीन ने यात्रा करने के लिए नियम बेहद सख्त कर दिए.
Kailash Mansarovar Yatra 2025: भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है. दोनों देशों के बीच 5 साल बाद बीजिंग में विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक हुई, जिसमें 6 महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी. इस बैठक के बाद भारत के श्रद्धालुओं को खुशी की खबर मिली है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की जाएगी.
कैलाश मानसरोवर यात्रा क्या है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह यात्रा तिब्बत के कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की ओर होती है. कैलाश पर्वत को भगवान शिव का घर माना जाता है और मानसरोवर झील को भगवान ब्रह्मा से जुड़ा हुआ माना जाता है. यह यात्रा बहुत कठिन है, और इसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना पड़ता है.
कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीन प्रमुख मार्ग
लिपुलेख दर्रा मार्ग - यह मार्ग उत्तराखंड से शुरू होता है.
नाथू ला दर्रा मार्ग - यह मार्ग सिक्किम से शुरू होता है.
शिगात्से मार्ग - यह मार्ग तिब्बत से कैलाश मानसरोवर तक जाता है.
भारत और चीन के संबंध
कैलाश मानसरोवर यात्रा का गहरा संबंध चीन से है, क्योंकि यह यात्रा तिब्बत के क्षेत्र में होती है, जो अब चीन का हिस्सा है. यात्रा के लिए चीनी सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है.
कैलाश मानसरोवर यात्रा क्यों बंद हुई थी?
भारत और चीन के बीच 2020 में सीमा पर तनाव और कोरोना महामारी के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद हो गई थी. इसके अलावा, चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा की अनुमति देना बंद कर दिया था, जिससे यह यात्रा लगभग रुकी हुई थी.
अब क्या बदलाव हुआ?
अब भारत और चीन के बीच फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर सहमति बनी है. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस विषय पर बात की थी. इसके अलावा, दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी. इससे भारत के शिव भक्तों के लिए यह यात्रा फिर से सुलभ हो जाएगी और दोनों देशों के रिश्तों में भी सुधार होगा.