Kanwar Yatra 2023: गुरुवार को पवित्र नगर हरिद्वार में अलग ही नजारा देखने को मिला है. इस अद्भुत और अलौकिक दृश्य को देखकर लोग भोले भंडारी की भक्ती में लीन हो रहे हैं. कांवर की यात्रा सावन के पहले दिन से ही शुरू हो जाती है. कांवड़ यात्री केसरिया रंग के कपड़े पहन कंधे पर कांवर लेकर पवित्र नगर हरिद्वार के यात्रा पर निकलते हैं. और वहां पहुंचकर गंगा जी से जल भरकर अपने गंतव्य स्थान के लिए लौटते हैं. बताया जा रहा है कि अब तक करीब 21 लाख से ज्यादा कांवरियों ने हरिद्वार से गंगाजल भरकर अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो चुके हैं.
सावन मास शुरु होते ही कांवड़ यात्री हरिद्वार के लिए रवाना हो रहे हैं तो वही बुधवार से कांवड़ यात्री जल लेकर वापसी भी करने लगे हैं. 15 जुलाई तक धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ियों की आवाजाही लगी रहेगी. इस दौरान हर जगह धर्म- अध्यात्म की गंगा बह रही है, कांवड़ यात्री झूमते गाते अपनी यात्रा को सुगम बना रहे हैं. सभी लोग इस समय भगवान भोलेनाथ के भक्ति में रंगने को लालायित है. कई क्षेत्रों से कांवड़ यात्रियों ने डेरा डाल दिया है.
आस्था और भक्ति में लीन शिवभक्तों को देखकर कोई दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम कर रहा है तो कोई निहार रहा है. हरकी पौड़ी में मुख्य मेला बाजार पंत द्वीप बस अड्डा और रेलवे स्टेशनों समेत कई सार्वजनिक स्थल पर कांवरियों की चौपालें सजी हैं. जिसे देखने में बेहद सुहावना लग रहा है. हर जगह कांवरियों की भीड़ ही नजर आ रही हैं. इस दौरान कहीं भोले भंडारी की महिमा का गुणगान हो रहा है तो कहीं गीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं.
आपको बता दें कि वर्षा ऋतु के आरंभ होने के साथ ही चारधाम यात्रा शिथिल हो जाती है. जिसके बाद बजारों की रौनक गायब हो जाती है. लेकिन एक महीने बाद बजारों की गायब रौनक कांवड़ मेला से वापस आ जाती है. खासकर हरकी पौड़ी क्षेत्र और उसके आसपास का क्षेत्र काफी मनमोहक होता है. प्रातः काल से लेकर सुबह तक इलाकों में रौनक छाई रहती है. हर जगह भोले भंडारी की भक्ती में लीन कांवड़ यात्री ही नजर आते हैं.
First Updated : Friday, 07 July 2023