करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जायेगा. इस दिन माता करवा साथ ही गणपति की पूजा की जाती है.
इस बार करवा चौथ का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5.44 मिनट से रात 07.02 तक है व्रत करने वाली महिलाओं को करीब 1 घंटे का समय लगेगा.
अपने सुहाग की रक्षा और खुशहाली के लिए महिलाएं सुबह से लेकर रात तक चांद निकलने का इतंजार करती हैं. जब तक व्रत पूरा नहीं होता तब तक पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया जाता है.
पौराणिक कथा के अनुसार जब असुरों और देवताओं के बीच युद्ध हुआ तो देवता हार की कगार पर थे. ऐसे में उनकी पत्नियों ने ब्रह्मा जी के कहने पर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया, जिसके फल स्वरूप करवा माता ने देवताओं के प्राणों की रक्षा की और वह युद्ध में जीत गए.
शास्त्रों में कहा जाता है जो भी महिलाएं करवा चौथ का व्रत कर रही हैं ऐसी महिलाओं को बिना चांद देखे व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है. इसीलिए सभी महिलाएं जब इस व्रत को करती हैं तो चांद देखने के बाद ही उसे खोलती हैं.