Sita Navami2023: हर वर्ष बैसाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता माता के प्रकट दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन पति की दीर्घायु के लिए माता सीता की पूजा अचूक मानी गई है। मान्यता है कि इस दिन माता सीता को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है और श्री जानकी रामायण नमः मंत्र का 108 बार जाप करने से सुहाग पर संकट नहीं आता है और पति की उम्र दीर्घायु होती है।
हिंदू धर्म में सीता नवमी पर्व का विशेष महत्व है इस विशेष दिन पर माता सीता और प्रभु श्री राम की आराधना करने का विधान है ज्योतिष शास्त्र में इस दिन के संदर्भ में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिसका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है तो आइए जानते हैं।
माता सीता को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है सीता नवमी पर माता जानकी को खीर का भोग लगाया जाता है और इसे 7 कन्याओं में बांटा जाता है कहते हैं यह उपाय करने से धन संकट दूर होता है।
मान्यता है की जिन कन्याओं की शादी में देरी हो रही है उसे सीता नवमी के दिन हल्दी की पांच गांठ लेकर उसे पीले कपड़े में बांधकर मन में योग्य पति की कामना लेकर माता सीता के चरणों में अर्पित करने से विवाह में आ रही परेशानी खत्म हो जाती है और विवाह के योग बनते है।
प्रेम विवाह की चाह रखने वालों को सीता नवमी के दिन माता सीता के साथ भगवान राम की भी उपासना करनी चाहिए। माना जाता है की एक साथ भगवान राम और सीता की उपासना करने और जानकी स्त्रोत का पाठ करने से अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
धर्म शास्त्र के अनुसार सीता नवमी के दिन जो व्यक्ति भगवान राम के मंदिर में जाकर वीर बजरंगी की मूर्ति का सिंदूर माता सीता के चरणों में अर्पित करता है उस साधक को माता सीता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इस उपाय को आप सुबह और शाम में कर सकते हैं । ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन खुशहाल रहता है। First Updated : Wednesday, 26 April 2023