सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा की विधि और कथा, मिलेगा आशीर्वाद
Mangalwar Upay: सावन का आखिरी मंगलवार आज के दिन हैं, जिसमें आज यानी सावन के अंतिम मंगलवार के दिन ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में बजरंगबली की पूजा करने से सुख-शांति, आरोग्य और लाभ की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए व्रत-पूजन-व्रत का विधान है. इस बार सावन में कुल 4 मंगला गौरी व्रत पड़े.
Mangalwar Upay: सावन महीने में मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है. वैसे तो मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है. लेकिन सावन महीने में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर मां पार्वती की पूजा करती हैं. साथ ही इस दिन भगवान शिव और गणेश जी की भी पूजा की जाती है.
इस साल सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हुई थी, जिसकी समाप्ति 19 अगस्त 2024 को होगी. सावन में इस साल कुल 4 मंगलवार पड़ने के कारण 4 मंगला गौरी व्रत भी रखे जाएंगे. तीन मंगला गौरी व्रत पूर्ण होने के बाद अब 13 अगस्त 2024 मंगलवार को चौथा या आखिरी मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. आइये जानते हैं कैसे करें सावन के आखिरी मंगलवार पर मंगला गौरी का पूजन.
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत में मां पार्वती के मंगला गौरी रूप की अराधना में होती है. व्रत वाले दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नानादि कर पूजाघर की साफ-सफाई करनी चाहिए. पूजा के लिए महिलाओं को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए. इसके साथ ही आप हरा, गुलाबी और पीले आदि जैसे रंगों के कपड़े भी पहन सकती हैं. लेकिन सफेद, काले, ब्लू या स्लेटी रंगों के कपड़े न पहनें.
पूजा करने से पहले करें ये काम
पूजा के लिए एक चौकी में मां पार्वती की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें. साथ ही शिवजी और गणेश जी की भी तस्वीर रखें. मां मंगला गौरी को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद सिंदूर लगाकर फूल, माला, लौंग, सुपारी, इलायची, पान, लड्डू, फल आदि चढ़ाएं. साथ ही सुहाग का सामान भी मां पार्तवी को चढ़ाएं. इस बात का ध्यान रखें कि, मंगला गौरी की पूजा में माता को अर्पित की जाने वाली सभी सामग्रियों की संख्या 16 होनी चाहिए.
मंगला गौरी व्रत का महत्व
सावन में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत का बहुत महत्व है. मान्यता है कि मंगला गौरी के व्रत और पूजन वैवाहिक जीवन सुखी रहता है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए करती हैं. संतान प्राप्ति की कामना के लिए मंगला गौरी का व्रत शुभ माना जाता है.