होली पर सुबह इतने बजे से लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए क्या सूतक काल बढ़ाएगा मुश्किल?
आज देश भर में होली का त्योहार मनाया जाएगा. लेकिन आज के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है जो जश्न में बाधा डाल सकता है. भारतीय समयानुसार, यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 09:29 बजे शुरू होगा. दोपहर 03:29 बजे तक समाप्त होगा. हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

14 मार्च को देशभर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन इस दिन एक और महत्वपूर्ण घटना घटने वाली है. यह होली के उत्सव में कुछ प्रभाव डाल सकती है. यह है साल का पहला चंद्र ग्रहण, जो होली के दिन ही होगा. इस ग्रहण को लेकर कई सवाल उठ रहे होंगे, जैसे कि चंद्र ग्रहण कितने बजे होगा, क्या इसका भारत पर असर पड़ेगा और क्या इसका सूतक काल मान्य होगा. आइए जानते हैं इस चंद्र ग्रहण से जुड़े सभी सवालों के उत्तर.
चंद्र ग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार, यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 09:29 बजे शुरू होगा. दोपहर 03:29 बजे तक समाप्त होगा. ज्योतिष गणना के अनुसार, यह ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा. इस समय चंद्रमा पर शनि और सूर्य की दृष्टि रहेगी, जो इसे एक विशेष ग्रहण बना देती है.
क्या यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
नहीं, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण यूरोप, आंशिक ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत और अटलांटिक महासागर और एशिया-अफ्रीका के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में इसका कोई दृश्य प्रभाव नहीं होगा.
क्या चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा?
यह चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जिसका मतलब है कि यह पूर्ण रूप से पृथ्वी से चंद्रमा के छायांकन के कारण होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस ग्रहण के लिए सूतक काल के नियम लागू नहीं होंगे. सामान्यत: चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, लेकिन इस ग्रहण के दौरान ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं होगा. इसका मतलब है कि मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे और पूजा-पाठ या अन्य धार्मिक क्रियाएं सामान्य रूप से की जा सकती हैं. गर्भवती महिलाओं को भी इस ग्रहण से कोई खतरा नहीं होगा.
होली पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
चूंकि यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और भारत में इसे देखा नहीं जा सकेगा. इसका होली के पर्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उपच्छाया ग्रहण किसी धार्मिक कर्मकांड पर प्रभाव नहीं डालता है, इसलिए होली के उत्सव में किसी भी प्रकार का परहेज या सूतक का पालन करने की आवश्यकता नहीं है.
किन सावधानियों का पालन करें?
ग्रहण काल के दौरान आमतौर पर कुछ विशेष सावधानियों का पालन किया जाता है, जैसे पूजा-पाठ वर्जित होता है, और मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं. लेकिन इस बार, चूंकि सूतक काल मान्य नहीं होगा, आपको किसी प्रकार की सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है. ग्रहण के बाद विशेष पूजा अर्चना के बाद ही मंदिरों के द्वार खोले जाते हैं, लेकिन यह तब लागू होता है जब सूतक काल होता है.
चंद्र ग्रहण का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा नवग्रहों में सूर्य के बाद सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. चंद्रमा का मानव जीवन और भावनाओं पर गहरा प्रभाव होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, चंद्रमा पृथ्वी के जल तत्वों और गुरुत्वाकर्षण को नियंत्रित करता है. यह पृथ्वी के सबसे निकट ग्रह होने के कारण हर घटना का पृथ्वी पर असर डालता है. चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं विशेष रूप से मानव मन और भावनाओं को प्रभावित करती हैं, लेकिन इस बार यह उपच्छाया ग्रहण होने के कारण किसी विशेष प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इस प्रकार, 14 मार्च का चंद्र ग्रहण, होली के दिन होने के बावजूद, धार्मिक रूप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालेगा और होली के उत्सव को बिना किसी रोक-टोक के मनाया जा सकेगा.