नवरात्रि के पांचवे दिन होती है मां स्कंदमाता की पूजा, जानें इस दिन का महत्व और पूजा विधि
Navratri 2024 Day 5: आज (7 अक्टूबर) को नवरात्रि का पांचवा दिन है. नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. इस दिन से जुड़ा रंग सफेद है, जो पवित्रता और मासूमियत का प्रतीक है.
Navratri 2024 Day 5: नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हुई और 13 अक्टूबर तक चलेगी. देश भर में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक, नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें. नौ रातों तक मनाए जाने वाले इस उत्सव में प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. देवी दुर्गा के नौ रूप हैं - माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघंटा, माँ कुष्मांडा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी, माँ कालरात्रि, माँ महागौरी और माँ सिद्धिदात्री. आज 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवां दिन दिन है. नवरात्रि का पांचवा दिन मां दुर्गा को समर्पित है.
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंदमाता एक उग्र शेर की सवारी करती है और अपनी गोद में बच्चे मुरुगन को रखती है. भगवान मुरुगन को भगवान कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है. स्कंदमाता अपने भक्तों को धन, मोक्ष, समृद्धि और शक्ति प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं.
पांचवें दिन का महत्व
ऐसा माना जाता है कि मां स्कंदमाता अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. हिंदू परंपरा के अनुसार, एक भक्त को सांसारिक सुखों और विचारों से मुक्त होना चाहिए, और अपना ध्यान पूरी तरह से मां स्कंदमाता की पूजा करने पर केंद्रित करना चाहिए - तभी देवी भक्त को आशीर्वाद देती हैं.
मां स्कंदमाता की पूजा विधि
इस दिन, भक्त जल्दी उठते हैं और पवित्र स्नान के बाद दिन की शुरुआत करते हैं. नए वस्त्र धारण कर वे मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं. वे कुमकुम, अगरबत्ती, गंजागल, पीले फूल और घी से उनकी पूजा करते हैं. इस दिन मां स्कंदमाता के लिए केले का भोग बनाया जाता है.
मां स्कंदमाता का मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया । शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
आज का शुभ रंग
इस दिन से जुड़ा रंग सफेद है, जो पवित्रता और मासूमियत का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिन सफेद वस्त्र पहनने से भक्तों को देवी के आशीर्वाद के पात्र बनने में मदद मिलती है.