यहां घी-तेल नहीं पानी से जलता है ज्योत, रोज होते हैं चमत्कार, जानिए मंदिर का रहस्य

मध्य प्रदेश के में एक ऐसा मंदिर है जहां  घी-तेल नहीं, बल्कि पानी से दीपक जलता है. यह मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे बसा है और इसे जल दीप मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में दीपक जलाने के पीछे कई रहस्य हैं. इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यह न सिर्फ़ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटन स्थल भी है. तो चलिए इस मंदिर के रहस्यों के बारे में जानते हैं.

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भारत में कई ऐसे रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए मशहूर हैं. इन्हीं में से एक है घटियाघाट माताजी का मंदिर, जो मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में स्थित है. यह मंदिर अपनी एक अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है, जहां दीपक को घी या तेल से नहीं, बल्कि पानी से जलाया जाता है.

यह अद्भुत चमत्कार लोगों को हैरान कर देता है और इसे देखने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. यह मंदिर अपने अद्भुत चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है. यहां एक दीपक बिना घी या तेल के, केवल पानी से जलता है.

कहां है यह मंदिर?  

घटियाघाट मंदिर मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के नलखेड़ा गांव से करीब 15 किलोमीटर दूर कालीसिंध नदी के किनारे गाड़िया गांव के पास स्थित है. इसे घटियाघाट वाली माताजी के नाम से जाना जाता है.

पानी से जलता है दीपक  

इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सालों से एक दीपक जलता आ रहा है, जिसे घी या तेल की बजाय नदी के पानी से जलाया जाता है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि जब कालीसिंध नदी का पानी दीपक में डाला जाता है, तो वह चिपचिपे तरल में बदल जाता है, और फिर उस पर बाती जलती है. यह रहस्यमयी घटना आज तक विज्ञान के लिए भी एक अनसुलझा सवाल बनी हुई है.

कैसे शुरू हुई यह परंपरा?  

माना जाता है कि पहले इस मंदिर में दीपक तेल और घी से जलाया जाता था. लेकिन एक दिन माता ने सपने में पुजारी को दर्शन दिए और आदेश दिया कि दीपक को नदी के पानी से जलाया जाए. पुजारी ने माता की बात मानकर ऐसा ही किया, और चमत्कारिक रूप से दीपक जल उठा। तब से लेकर आज तक यह परंपरा जारी है.

बरसात में नहीं जलता दीपक  

यह दीपक सालभर अखंड रूप से जलता है, लेकिन बारिश के मौसम में यह परंपरा कुछ समय के लिए रुक जाती है. बरसात के दौरान कालीसिंध नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर पानी में डूब जाता है, जिससे वहां पूजा करना संभव नहीं होता. शारदीय नवरात्रि के साथ जैसे ही पानी का स्तर घटता है, दीपक फिर से जलाया जाता है.

चमत्कार को देखने आते हैं भक्त  

यहां का चमत्कारिक दीपक भक्तों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है. हर दिन बड़ी संख्या में लोग इस चमत्कार को देखने और माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. घटियाघाट मंदिर भारतीय संस्कृति और आस्था का एक अनोखा प्रतीक है, जो दिखाता है कि यहां चमत्कारों और परंपराओं का कितना गहरा संबंध है. अगर आप कभी मध्य प्रदेश जाएं, तो इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन जरूर करें. First Updated : Wednesday, 27 November 2024