Mahabharata story: महाभारत काल की कई रोचक कहानियां हैं जिसे सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं. ऐसे ही महाभारत से जुड़ी एक कहानी अर्जुन से संबंधित है. अर्जुन के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब उन्हें किन्नर बनकर रहना पड़ा था. इसके पीछे एक स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा की कहानी है. दरअसल, स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी के श्राप की वजह से ही अर्जुन को किन्नर बनकर 1 साल जीवन बिताना पड़ा था. तो चलिए आखिर क्यों अप्सरा ने अर्जुन को श्राप दिया था जानते हैं.
जब कौरवों से जुए में युधिष्ठिर सब कुछ हार गए तब पांडवों को 12 साल तक वनवास में और 1 साल तक अज्ञातवास में रहना पड़ा.अज्ञातवास के दौरान सभी पांडवों ने अपना नाम और पहचान भी छुपाई थी. इस दौरान अर्जुन राजा विराट के महल में बृहन्नला यानी किन्नर रूप में एक साल तक रहे थे.
अर्जुन के किन्नर बनने की कहानी के पिछे स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी का हाथ है. एक बार उर्वशी ने अर्जुन के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था लेकिन अर्जुन ने उसके प्रेम प्रस्ताव को इनकार कर दिया. स्वर्ग की सुंदरी के प्रेम प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए अर्जुन ने कहा कि आप मेरी मां सम्मान है मैं आप से शादी नहीं कर सकता हूं. अर्जुन ने जब उर्वशी के प्रेम प्रस्ताव को नकार दिया तब वो क्रोध में आ गई और अर्जुन को नपुंसक होने का श्राप दे दिया दिया.
उर्वशी द्वारा श्राप मिलने के बाद अर्जुन इंद्रदेव से मदद मांगने पहुंचे. अर्जून की बात सुनकर इंद्रदेव ने उर्वशी को समझाने की कोशिश की. इंद्रदेव ने उर्वशी से कहा कि, तुम्हारा रिश्ता अर्जुन के पूर्वजों से है इसलिए तुम उससे शादी नहीं कर सकती हो यह नियम के खिलाफ है. जब उर्वशी को ये बात समझ आई तो उसका गुस्सा शांत हुआ लेकिन वो अपने श्राप को तो नहीं बदल सकती है इसलिए उसने नियमों में बदलाव कर दिया. तब उर्वशी ने अर्जुन को कहा कि तुम अपनी जरूरत के हिसाब से इस श्राप का इस्तेमाल कर सकते हो. यही वजह है कि, अर्जुन एक साल तक अज्ञातवास के दौरान किन्नर का जीवन बिताए थे.
First Updated : Monday, 15 July 2024