यहां साक्षात महाकाल विराजमान है! हर साल बढ़ती है शिवलिंग की लंबाई, पाताल तक पहुंचते ही आएगा प्रलय
Mysterious Temple: भारत में कई मंदिरों का अपनी अनोखी आस्था और रहस्य के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन मध्य प्रदेश स्थित महाकाल की नगरी में स्थित एक मंदिर ऐसा है, जिसका रहस्य वैज्ञानिकों के लिए भी एक पहेली बना हुआ है. यह मंदिर है मतंगेश्वर मंदिर, जहां भगवान शिव का जीवित शिवलिंग स्थापित है, जो हर साल बढ़ता है.

Mahakaal Mysterious Temple: भारत में कई रहस्यमयी धार्मिक स्थल हैं, जहां आस्था और रहस्य का अनोखा संगम देखने को मिलता है. मध्य प्रदेश स्थित महाकाल की नगरी में एक ऐसा रहस्यमयी शिवलिंग है, जिसकी लंबाई हर साल बढ़ती जाती है. इस जीवित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि जब इसकी लंबाई पाताल तक पहुंच जाएगी, तब पृथ्वी पर प्रलय आएगा. आज हम आपको इसी मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां भगवान शिव का जीवित शिवलिंग स्थित है और वैज्ञानिक भी इस रहस्य को सुलझाने में नाकाम हैं.
मध्य प्रदेश का मतंगेश्वर मंदिर, जो भगवान शिव के जीवित शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, एक ऐसा स्थल है जो रहस्यों और आस्था के अद्भुत संगम का प्रतीक बन चुका है. यहां हर साल शिवलिंग की लंबाई तिल भर बढ़ती है, और यह सिद्ध किया गया है कि यह बढ़ती लंबाई कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक अद्भुत रहस्य है.
शिवलिंग का बढ़ता आकार: रहस्य और सचाई
यह शिवलिंग न केवल ऊपर से बढ़ता है, बल्कि इसके नीचे भी इसकी लंबाई पाताल तक बढ़ती जा रही है. स्थानीय मान्यता के अनुसार, जब यह शिवलिंग पाताल तक पहुंचेगा, तब पृथ्वी पर प्रलय का दौर शुरू होगा. इसके प्रमाण के रूप में पर्यटन विभाग द्वारा समय-समय पर इसकी माप की जाती है और हर बार इसकी लंबाई पहले से ज्यादा पाई जाती है. यह रहस्य वैज्ञानिकों के लिए भी एक चुनौती बना हुआ है, जिन्हें इस घटना का कोई सटीक कारण नहीं मिल पाया है.
हर साल बढ़ती है शिवलिंग की लंबाई
यह शिवलिंग हर साल कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा पर तिल जितनी बढ़ती है. इस घटना का कोई स्पष्ट विज्ञानिक कारण न होने के कारण यह घटना लोगों के बीच एक रहस्य बनी हुई है. स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस चमत्कारी घटना को भगवान शिव की कृपा मानते हैं और यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं.
मंदिर की पौराणिक कथा
इस शिवलिंग से जुड़ी एक प्राचीन पौराणिक कथा भी है, जो इसके रहस्य को और गहरा करती है. कहा जाता है कि भगवान शंकर के पास एक शक्तिशाली पन्ना मणि थी, जिसे उन्होंने युधिष्ठिर को दिया. युधिष्ठिर के बाद यह मणि मतंग ऋषि के पास पहुंची और फिर यह राजा हर्षवर्मन को दी गई. इस मणि की शक्ति के कारण मतंग ऋषि को 'मतंगेश्वर महादेव' का नाम मिला. इस मणि को सुरक्षा के लिए शिवलिंग के नीचे गाड़ दिया गया था, और तब से लेकर आज तक यह मणि शिवलिंग के नीचे सुरक्षित है, जिससे यह शिवलिंग हर साल जीवित मानव की तरह बढ़ता है.
शिवलिंग का अद्भुत चमत्कार
इस जीवित शिवलिंग के बढ़ते आकार को देख श्रद्धालु इसे भगवान शिव की एक अद्भुत कृपा मानते हैं. यह चमत्कारी घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए आस्था का विषय है, बल्कि दुनिया भर के शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए भी एक रहस्य बनी हुई है. इस रहस्यमयी घटना के कारण मतंगेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है, जो भगवान शिव के इस अद्भुत रूप का दर्शन करने के लिए आते हैं.