पीरियड्स के दौरान महाकुंभ में गंगा स्नान करती हैं महिला नागा साधू? जानिए नागिन साध्वियों की अनोखी जीवनशैली

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में महिला नागा साध्वियां भी पुरुष नागा साधुओं के साथ गंगा स्नान में भाग ले रही हैं. इन साध्वियों का जीवन तपस्या और कठोर नियमों से भरा होता है. महिला नागा साधु बनने के लिए उन्हें कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है. अखाड़ों में इन्हें "माई" या "नागिन" के रूप में सम्मानित किया जाता है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के तीसरे दिन श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगा हुआ है. इस बार भी लाखों लोग गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ कमा रहे हैं. महाकुंभ में नागा साधु हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं, लेकिन क्या आप महिला नागा साधु या नागिन साध्वियों के बारे में जानते हैं? नागिन साध्वियां अपने कठोर तप और अनोखी जीवनशैली के लिए जानी जाती हैं.

नागिन साध्वियां महाकुंभ में पुरुष नागा साधुओं की तरह ही शामिल होती हैं. गृहस्थ जीवन त्याग चुकी ये साध्वियां अपनी दिनचर्या और परंपराओं के जरिए श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करती हैं. आज हम आपको नागिन साध्वियों की जीवनशैली, उनके कठिन नियम और महाकुंभ में उनकी विशेष भागीदारी के बारे में विस्तार से बताएंगे.

कौन होती हैं नागिन साध्वियां?

नागा साधुओं की तरह, नागिन साध्वियां भी अपनी पूरी जिंदगी तपस्या और आध्यात्मिकता के लिए समर्पित करती हैं. गृहस्थ जीवन से अलग हो चुकी इन साध्वियों को अखाड़ों में "माई," "अवधूतानी" या "नागिन" कहा जाता है. महिला नागा साधु बनने के लिए इन्हें कठिन ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है, जो लगभग 10 से 15 साल तक चलता है. इस प्रक्रिया के दौरान इन्हें अपना पिंडदान और मुंडन भी करना पड़ता है.

क्या पीरियड्स में गंगा स्नान करती हैं नागिन साध्वियां?

महिला नागा साध्वियों का जीवन कई परंपराओं और नियमों से बंधा होता है. हालांकि, पीरियड्स के दौरान ये गंगा में डुबकी नहीं लगातीं. इसके बजाय, वे गंगा जल को अपने शरीर पर छिड़क कर पवित्रता बनाए रखती हैं. इन साध्वियों के लिए केसरिया रंग का सिला हुआ कपड़ा वर्जित है. वे सिर्फ "गंती" नामक वस्त्र पहनती हैं, जिसे पूरी जिंदगी धारण करना अनिवार्य होता है.

नागिन साध्वियों का जीवन

महिला नागा साधु पुरुष नागा साधुओं से काफी अलग होती हैं. वे दिगंबर नहीं होतीं और हमेशा वस्त्र धारण करती हैं. दिन में केवल एक बार भोजन करने वाली ये साध्वियां पर्वतों पर रहकर अपना समय तपस्या में बिताती हैं. महाकुंभ के दौरान, वे पुरुष नागा साधुओं के स्नान के बाद गंगा स्नान करती हैं.

महाकुंभ में नागिन साध्वियां

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में, हजारों नागिन साध्वियां अमृत स्नान में भाग ले रही हैं. महानिर्वाणी अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़ा और पंचाग्नि अखाड़े जैसे प्रमुख अखाड़ों की महिला नागा साध्वियां यहां गंगा किनारे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. इन साध्वियों का तप, आस्था और अनुशासन श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है.

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15 January 2025, 08:10 AM IST

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