हर-हर गंगे...संगम पर सनातन का सबसे बड़ा समागम, हर तरफ गूंज रहा हर हर महादेव

महाकुंभ एक अनूठा आयोजन है, जो पूरे भारत को एक साथ एक जगह एकत्र करता है. समुद्र मंथन से निकलकर अमृत की कुछ बूंदों ने युगों पहले कुंभ स्नान की परंपरा की शुरुआत की थी, जिसका आज पुनः आगाज हुआ है.  यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है. आज संगम तट पर लोग आस्थी की डूबकी लगा रहे हैं.

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महाकुंभ... एक ऐसा आयोजन है जो अमृत की खोज में पूरा भारतीय जनमानस को एक साथ-एक जगह ले आती है. और जब लोग पवित्र नदियों के बहते जल में डुबकी लगाते हैं तो सभी की पहचान छिप जाती है और वह सिर्फ साधारण मनुष्य रह जाते हैं. और फिर जब गंगा में डुबकी लगाकर झटके से ऊपर उठते हैं तो इन माटी के जीवंत पुतलों से सिर्फ एक ही आवाज आती है, हर-हर गंगे, हर हर महादेव.

प्रयागराज में संगम तट पर सनातन धर्म का सबसे बड़ा समागम शुरू हो चुका है, जहां हर-हर गंगे और हर हर महादेव की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है. यह आयोजन एक विशाल धार्मिक उत्सव है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर आस्था की पवित्रता को महसूस कर रहे हैं. संगम का यह दृश्य धार्मिक ऊर्जा और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है, जो दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है.

आस्था के रंग में डूबे विदेशी श्रद्धालु

महाकुंभ में आए एक ब्राज़ीलियाई भक्त फ्रांसिस्को ने कहा, "मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हूं. यहां अद्भुत है, भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है. पानी ठंडा है लेकिन दिल गर्मजोशी से भरा है."

महाकुंभ की भव्यता देखने पहुंची रूसी श्रद्धालु

महाकुंभ की भव्यता को देखने आए एक रूसी भक्त ने कहा "...'मेरा भारत महान'...भारत एक महान देश है. हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं. यहाँ हम असली भारत को देख सकते हैं. असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है. मैं इस उत्सव की लहर से कांप रही हूं.


श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष व्यस्था

महाकुंभ 2025 के लिए मेला क्षेत्र में उमड़ी भीड़ के बीच श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरएएफ, पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए एक विशेष फ्लोटिंग पुलिस चौकी बनाई है.

संगम तट पर बढ़ रही सनातनियों का भीड़

महाकुंभ 2025 का पहला स्नान अब धीरे-धीरे अपने चरम की ओर बढ़ रहा है, जहां श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है. रात भर से ही श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ने लगे थे और अब भीड़ लगातार बढ़ रही है. खासतौर पर बुजुर्गों में इस धार्मिक अनुष्ठान को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. कड़ाके की ठंड के बावजूद, पुरुष और महिलाएं आस्था के साथ संगम की ओर बढ़ रहे हैं. 

45 करोड़ श्रद्धालूओं के डुबकी लगाने का अनुमान 

144 साल बाद दुर्लभ संयोग में रविवार की आधी रात संगम पर पौष पूर्णिमा के साथ महाकुंभ का शुभारंभ हुआ. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर विपरीत विचारों, मतों, संस्कृतियों और परंपराओं का महामिलन होगा, जो 45 दिन तक चलेगा. इस अमृतमयी महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों, भक्तों, कल्पवासियों और अतिथियों के डुबकी लगाने का अनुमान है. First Updated : Monday, 13 January 2025