Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और नागा साधुओं की अनोखी दुनिया एक बार फिर आकर्षण का केंद्र बनेगी. इन साधुओं की कठोर जीवनशैली और कड़े नियम हर किसी को हैरान कर देते हैं. बाहर से अव्यवस्थित दिखने वाले ये अखाड़े अपने हर कार्य में अनुशासन और परंपराओं का पालन करते हैं. नागा साधु बनने की प्रक्रिया बहुत ही कठोर और नियमबद्ध होती है. दीक्षा के बाद साधुओं को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से एक विशेष श्रेणी 'खूनी नागा साधु' कहलाती है.
खूनी नागा साधुओं का अनोखा प्रभाव
आपको बता दें कि खूनी नागा साधु अपने साहस और दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते हैं. कहा जाता है कि इनका आशीर्वाद व्यक्ति की किस्मत को तुरंत बदलने की शक्ति रखता है. मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को इनका आशीर्वाद दिल से मिल जाए, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. जीवन में जो असंभव प्रतीत होता है, वह इनके आशीर्वाद से संभव हो जाता है. यही वजह है कि कुंभ मेले में लोग इन साधुओं का आशीर्वाद पाने के लिए आतुर रहते हैं.
महाकुंभ 2025 - प्रयागराज में दिव्य आयोजन
इसके अलावा इस साल महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होगा. इस पावन पर्व में लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे. बड़ी संख्या में नागा साधु अपने अखाड़ों के साथ प्रयागराज पहुंचेंगे. उनकी उपस्थिति और आध्यात्मिक शक्ति इस महापर्व को और भी दिव्य और अलौकिक बनाएगी. First Updated : Friday, 10 January 2025