Mahakumbh 2025: 'हर हर महादेव' के जयकारों से गूंजा प्रयागराज, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आस्था और भक्ति के महापर्व महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ हो चुका है. देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु गंगा तट पर पावन डुबकी लगाने पहुंचे हैं. प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं, जहां कल्पवास के लिए 1.6 लाख टेंट श्रद्धालुओं की सेवा में लगाए गए हैं.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का शुभारंभ भव्यता के साथ हो चुका है. पहले ही दिन करोड़ों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. बता दें कि इस वर्ष का महाकुंभ विशेष है क्योंकि 144 वर्षों बाद दुर्लभ ग्रह संयोग बन रहा है. समुद्र मंथन के संयोग के साथ बुधादित्य योग, कुंभ योग, श्रवण नक्षत्र और सिद्धि योग में गंगा स्नान किया जा रहा है. इस दुर्लभ संयोग में त्रिवेणी तट पर डुबकी लगाना अत्यंत शुभ माना जा रहा है.

करोड़ों श्रद्धालुओं का जुटना

आपको बता दें कि देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान के लिए उमड़े. प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से व्यवस्थाओं को उच्च स्तर पर सुनिश्चित किया है. कल्पवास की परंपरा निभाने के लिए मेला क्षेत्र में 1.6 लाख टेंट लगाए गए हैं.

45 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती

वहीं आपको बता दें कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में 45,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. 55 से अधिक थानों की पुलिस फोर्स सुरक्षा में जुटी हुई है. इसके साथ ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं ताकि किसी भी अफवाह को समय रहते रोका जा सके.

श्रद्धालुओं में भारी उत्साह

बताते चले कि 13 जनवरी की सुबह, प्रयागराज गंगा तट पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला. दुधिया रोशनी में गंगा तट जगमगा रहा था और हर हर महादेव के गगनभेदी जयकारों के साथ श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे थे. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने भी आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया.

मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में स्नान

इसके अलावा आपको बता दें कि मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रशासन को 4-5 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना है. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किए हैं. हालांकि, महाकुंभ 2025 धार्मिक भव्यता और आस्था का अनुपम संगम है. दुर्लभ ग्रह संयोग, करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और प्रशासन की बेहतरीन व्यवस्थाओं ने इसे और भी विशेष बना दिया है.

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13 January 2025, 08:07 AM IST

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