Mahakumbh 2025: स्नान के साथ करें माता कल्याणी देवी के दर्शन, पुराणों में भी है इनका जिक्र
Mahakumbh 2025: धार्मिक स्थल प्रयागराज में वैसे तो कई पवित्र मंदिर हैं, लेकिन इनमें माता कल्याणी का मंदिर बेहद खास है. इस मंदिर में स्थित देवी मां का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है. इस भव्य धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करेंगे. महाकुंभ के दौरान, संगम नगरी में स्थित अनेक ऐतिहासिक और पवित्र मंदिरों का महत्व और भी बढ़ जाता है. इनमें से माता कल्याणी देवी का मंदिर एक विशेष स्थान रखता है.
माता कल्याणी देवी का पौराणिक महत्व
आपको बता दें कि माता कल्याणी देवी का मंदिर शक्ति पीठों में से एक माना जाता है. यह मंदिर अपने धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. पद्म पुराण, मत्स्य पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी माता कल्याणी देवी का उल्लेख मिलता है. मान्यता है कि महर्षि याज्ञवल्क्य ने इस स्थान पर ध्यान साधना की और देवी की 32 अंगुल की प्रतिमा की स्थापना की.
मंदिर की प्राचीनता और वास्तुकला
वहीं आपको बता दें कि यह मंदिर 7वीं शताब्दी की मूर्तिकला का अद्भुत उदाहरण है. 1892 में इसका पुनर्निर्माण कराया गया था. मंदिर की वास्तुकला प्राचीन शैली की है, जो इसे देखने योग्य बनाती है. शिला से बनी देवी की प्रतिमा भक्तों के आकर्षण का केंद्र है.
श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र
माना जाता है कि माता कल्याणी देवी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. महाकुंभ के दौरान यहां भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी है.
महाकुंभ में माता के दरबार की यात्रा अवश्य करें
इसके अलावा आपको बता दें कि महाकुंभ 2025 में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु माता कल्याणी देवी के दर्शन करना न भूलें. यहां आकर भक्त न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं, बल्कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं.)