Marry Christmas 2023: भारत में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन विश्व में कई देश ऐसे हैं जहां पर क्रिसमस का त्योहार नहीं मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोग इस दिन लोग चर्च मे एक जुटकर होकर ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा महीह के जन्म दिवस को प्रार्थना गाकर मनाते हैं. क्रिसमस ट्री को सुंदर तरीके से सजाया जाता है और तरह–तरह के पकवान व मिठाइयां बनाई जाती हैं, लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि जिस त्योहार को आप हर साल मनाते हो उसकी शुरुआत कैसी हुई थी आइए जानें?
क्रिसमस को लेकर कई तरह की बातें बताई जाती हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि क्रिसमस का त्योहार रोम देश में सबसे पहले मनाया गया था. यहां इस दिन को सूर्य देवता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. ईसाई धर्म का प्रभाव 330 ई तक रोम में तेजी से बढ़ने लगा था और ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा था.
मान्यताओं के अनुसार कुछ सालों के बाद रोम में ईसाई धर्म के अनुयायियों ने ईसाई धर्म के पैंगबर यीशु मसीह को सूर्य देवता का रूप मान लिया और तभी से 25 दिसंबर को क्रिसमस के त्योहार की शुरुआत हो गई और इसे 25 दिसंबर के दिन मनाया जाने लगा.
ईसा मसीह के जन्म को लेकर कई बातें बताई जाती हैं. ईसा मसीह का जन्म मैरी और जोसेफ के घर बैथलहम में 4 ईसा पूर्व हुआ था. कहा जाता है कि उनका जन्म एक अस्तबल में हुआ था. इसके साथ भी कहा जाता कि उनके पिता और यीशु बढ़ई थे और ईसा मसीह ने 30 साल की उमर में जनजागरण का कार्य शुरू कर दिया था. First Updated : Tuesday, 12 December 2023