Mehndipur Balaji Temple: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के पास 2 पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस मंदिर में विचित्र परम्परा एवं मान्यता देखने को मिलती है, जिसे सुनने मात्र से आप हैरत में पड़ जाएंगे।
आप सभी ने अक्सर सुना होगा की कोई भी मंदिर जाते हैं तो प्रसाद लेकर जाते हैं और घर लेकर आते हैं और इसे सभी में बांटते हैं। लेकिन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अलग ही परंपरा है। इस मंदिर के प्रसाद न तो खुद खा सकते हैं न ही परिवार के किसी सदस्य को दे सकते हैं और न ही इसे घर लेकर जा सकते हैं।
इस मंदिर में प्रेतराज सरकार को चावल और भैरो बाबा को उड़द दाल और बाला जी को लड्डू का भोग लगाया जाता है। इस प्रसाद को ऐसे लोगों को खिलाया जाता है जिस पर भूत प्रेत का साया होता है, इस प्रसाद को खाकर वह अजीब हरकतें करने लगते हैं।
माना जाता है कि प्रसाद के साथ कोई भी चीज जैसे खाने पीने या अन्य वस्तु को अपने साथ घर नहीं ले जाना चाहिए, क्योंकि अगर कोई वस्तु आप अपने साथ ले जाते हैं तो उसके साथ नकारात्मक साया आपके साथ जा सकती है, इसलिए अगर आप यहां आए तो अपने साथ कोई भी वस्तू खरीद कर न ले जाए।
मेहंदीपुर बालाजी की मूर्ति की बाईं छाती में छेद है जिसमे से लगातार पानी बहते रहत हैं, लोगों की माने तो इसे बाला जी का पसीना कहा जाता है।
बाला जी के मंदिर के सामने भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा है। इस दृश्य का रहस्य यह है कि बालाजी हमेशा राम सीता जी का दर्शन करते हैं।
यहां जो भी भक्त आते हैं उन्हें कुछ नियम का पालन करना पड़ता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने से एक हफ्ते पहले लहसुन प्याज और मांसाहारी भोजन और शराब को त्यागना पड़ता है। First Updated : Tuesday, 06 June 2023