खुश होती हैं मां, जब भक्त चढ़ाते हैं पांच पत्थर, जानें कौन सा है यह अनोखा मंदिर

Bilaspur Vandevi Mandir: बिलासपुर स्थित वनदेवी मंदिर में भक्त मां को खुश करने के लिए पत्थर चढ़ाते हैं. वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि मां अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Bilaspur Vandevi Mandir: भारत में बहुत सारे मंदिर हैं, जहां भक्त देवी-देवताओं को सोने, चांदी, पैसे, फल और अन्य चढ़ावा चढ़ाते हैं, ताकि उनके जीवन में खुशहाली आए और देवी-देवता उनका आशीर्वाद दें. लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा मंदिर भी है, जहां देवी को सोने, चांदी, पैसे या हीरे की बजाय सिर्फ पांच पत्थर चढ़ाए जाते हैं? और इन पांच पत्थरों को चढ़ाकर भक्त मां से वरदान प्राप्त करते हैं.

कहां है यह मंदिर?

यह अनोखा मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के खमतराई में स्थित है. यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना है, जिसका मतलब है कि यहां के भक्तों की आस्था वन देवी में बहुत पुरानी है. यह मंदिर घने जंगल में स्थित है, जिससे ही इस देवी को "वन देवी" के नाम से पुकारा जाता है. हालांकि, मंदिर का भवन हाल के वर्षों में बनवाया गया है.

नवरात्रों में भक्तों की भारी भीड़

वन देवी मां में भक्तों की बहुत श्रद्धा है. यहां पर भक्त पांच पत्थर चढ़ाकर मां से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं. यही कारण है कि नवरात्रों के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है. हजारों लोग यहां आकर मां के आगे शीश नवाते हैं.

पत्थर चढ़ाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?

कहा जाता है कि पहले यहां घना जंगल हुआ करता था, जहां खतरनाक जंगली जानवर रहते थे. जो लोग इस जंगल से गुजरते थे, उन्हें जानवरों से खतरा होता था. इस रास्ते पर एक पेड़ के नीचे बगदाई वन देवी की प्रतिमा स्थापित थी. लोग वहां पांच पत्थर चढ़ाते थे और तब वे सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचते थे. इस परंपरा को देखकर लोगों की श्रद्धा वन देवी में बढ़ने लगी और धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे इलाके में फैल गई.

मंदिर का निर्माण

कहा जाता है कि जब जंगल साफ हुआ, तो लोगों ने इस पेड़ के नीचे वन देवी की प्रतिमा का एक छोटा सा मंदिर बना दिया. समय के साथ मंदिर का निर्माण और विस्तार होता गया और अब यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है.

स्वयंभू है मां की प्रतिमा

मंदिर में स्थापित मां की प्रतिमा के बारे में यह कहा जाता है कि इसे कोई व्यक्ति यहां लाया नहीं था. यह प्रतिमा स्वयंभू है और लोग मानते हैं कि मां सर्वशक्तिमान हैं. इस बारे में आज तक किसी को यह नहीं पता चला कि यह प्रतिमा कहां से आई थी.

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03 January 2025, 05:06 PM IST

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