Nag Panchami 2023: रात 12 बजे खुले श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट, साल में एक दिन के लिए ही क्यों खुलते है पट?
हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है. भारत में नागों के कई मंदिर मौजूद है. हिंदू धर्म में नागों को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है. उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर श्री नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है.
nagchandreshwar mandir ujjain
हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है. भारत में नागों के कई मंदिर मौजूद है. हिंदू धर्म में नागों को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है. उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर श्री नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है.
nagchandreshwar mandir ujjain
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट रात 12 बजे खोल दिए गए. साल में सिर्फ एक दिन यानी नागपंचमी पर ही नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट खुलते हैं. सावन का महीना चल रहा है और आज सोमवार का दिन भी है. ऐसे में आज मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहेगा. आज रात 12 बजते ही फिर से नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट एक साल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
nagchandreshwar mandir ujjain
सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी पर देश भर में नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए धर्म नगरी उज्जैन पहुंच चुके हैं. सावन सोमवार के दिन निकलने वाली बाबा महाकाल की सातवी सवारी और नागपंचमी के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हुए है.
nagchandreshwar mandir ujjain
श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के कपाट साल में एक दिन शुक्ल पंचमी यानी नागपंचमी के दिन खुलते है. मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं रहते है. मंदिर में नागचंद्रेश्वर भगवान की 11वीं शताब्दी की मूर्ति स्थापित है, जिसे नेपाल से लाया गया था. मूर्ति में फन फलाए नागराज पर शिव-पार्वती बैठे हुए है.
nagchandreshwar mandir ujjain
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में स्थापित मूर्ति उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं और नहीं है. दुनिया में सिफ ये एकमात्र मंदिर ऐसा है, जिसमें भगवान विष्णु की जगह भगवान शिव को नागराज पर विराजमान है. मूर्ति में भगवान भोलेनाथ, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दसमुखी नागराज विराजमान है.