Navratri 2023 day 4: नवरात्रि में चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति के नौ रूपों की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करता है उनके जीवन में कभी दुख के बादल नहीं आते हैं. शास्त्र में कहा जाता है कि मां कुष्मांडा की आठ भुजाएं होती हैं. इन्हें अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है. इनके सात हाथों में क्रमश: कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा, चक्र तथा गदा है. नहीं आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है.
मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि अति प्रिय है और संस्कृत में कुम्हड़े को कूष्माडा कहते हैं. यही कारण है कि मां के इस रूप को कूष्मांडा माता के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है. इसके साथ ही वह अपने भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वर देती है मां सिंह की सवारी करती हैं. जिसे धर्म का प्रतीक माना जाता है.
नवरात्र में हरे संतरी रंग के कपड़े पहनकर मां कूष्मांडा का पूजन अवश्य करें. पूजा के दौरान मां को हरी इलाइची सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें. मां कूअषमाडा को उतनी हरी इलाइची अर्पित करें जितनी कि आपकी उम्र है हर इलाइची अर्पित करने के साथ मां का मंत्र भी अवश्य पढ़ें.
इलाइची को शारदीय नवरात्रि तक अपने पास सुरक्षित रखें.इसके साथ ही पूजा के दौरान 108 बार मां के मंत्र का जाप करें. मां कूष्मांडा को मालपुए काफी पसंद है इसके बाद प्रसाद को किसी जरूरतमंदो को दे दें. इससे कूष्माडा की आराधना ना सिर्फ आपके संकटों का निवारण कर सकती है, बल्कि आपके धन की समस्या भी दूर होगी. First Updated : Wednesday, 18 October 2023