Nirjala Ekadashi 2023: इस दिन है निर्जला एकादशी, कष्ट-बाधाएं दूर करेंगे ये उपाय!
31 मई को निर्जला एकादशी का व्रत है। शास्त्रों में निर्जला एकादशी को सबसे कठिन और पुण्य फलदायी वाला व्रत बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और जल का त्याग करना होता है।
इस साल 31 मई को निर्जला एकादशी है। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि निर्जला एकादशी के व्रत सबसे कठिन और पुण्य फलदायी होता है। इसका व्रत करने के लिए जल का त्याग करना होता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही बिना कुछ खाए और पिए व्रत रखने से सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।
मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने मात्र से सालभर में आने वाली एकादशी के बराबर फल की प्राप्ति होती है। इस दिन उपवास रखकर पूजा करने और निर्जला एकादशी व्रत की कथा को पढ़ने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पद्मपुराण में निर्जला एकादशी के महत्व का वर्णन किया गया। इस दिन कुछ उपाय करने से कष्ट और बाधाएं दूर होगी।
भगवान विष्णु की पूजा
निर्जला एकादशी पर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही विष्णु जी को चरणामृत का भोग लगाएं। इससे आप पर भगवान विष्णु की कृपा होगी और बुद्धि, बल व अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होगा।
पितृदोष
निर्जला एकादशी के दिन पितृदोष को दूर करने के लिए पानी का दान करना चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है।
सुख-शांति
निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में घी का दीपक जलाने से और 11 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से घर में सुख-शांति प्राप्त होगी।
धन की प्राप्ति
निर्जला एकादशी के दिन सात कौड़ियों को पूजा के स्थान पर रखकर पूजा उनकी पूजा करें। इस बाद उन्हें तिजोरी में रखने से धन लाभ के योग बनेंगे।
तुलसी माता को लाल चुनरी अर्पित करें
इस दिन तुलसी माता को लाल चुनरी अर्पित करने वैवाहिक जीवन खुशहाल होगा। साथ ही आर्थिक दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।
नोट: यह सूचना सिर्फ धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों के आधार पर है। हम किसी भी मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।