Mata Vaishno Devi: भक्तों पर बरसी माता रानी की कृपा! अब घंटों में होने वाला सफर मिनटों में होगा पूरा, आसानी से होंगे दर्शन
माता वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए श्राइन बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया. जिसमें रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में अब घंटों में तय होने वाली यात्रा अब कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाएगी.
Mata Vaishno Devi: माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर हैं. दरअसल, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और बुजुर्गों एवं दिव्यांग यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना को लागू करने का फैसला किया है. इस परियोजना से यात्रा ना केवल सुरक्षित होगी, बल्कि इसमें लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा. हालांकि, इस परियोजना का कुछ स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन श्राइन बोर्ड ने आश्वासन दिया है कि उनकी चिंताओं का ध्यान रखते हुए परियोजना को कार्यान्वित किया जाएगा.
रोपवे परियोजना के तहत ताराकोट मार्ग को मुख्य भवन से जोड़ा जाएगा. श्रद्धालु रोपवे के जरिए सांझी छत तक पहुंचेंगे और वहां से माता के भवन तक पैदल यात्रा करेंगे. वर्तमान में, श्रद्धालुओं को भवन तक पहुंचने के लिए 13 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है. शारीरिक रूप से सक्षम यात्री यह दूरी आसानी से तय कर लेते हैं, लेकिन बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों को घोड़े, खच्चर या पालकी का सहारा लेना पड़ता है. इस रोपवे से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यात्रा कर सकेंगे, जिससे पारंपरिक ट्रैक पर भीड़ कम होगी और घंटों की यात्रा मिनटों में पूरी हो जाएगी.
इन यात्रियों के लिए ये परियोजना गेम चेंजर
इसे लेकर, श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि यह परियोजना उन यात्रियों के लिए गेम चेंजर साबित होगी, जो 13 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई नहीं कर सकते. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को पूरा किया जाएगा.
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
अंशुल गर्ग ने आगे बताया कि हर साल माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. 2023 में यह संख्या 95 लाख तक पहुंची थी, जबकि इस साल अब तक 86 लाख श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए रोपवे परियोजना को प्राथमिकता दी जा रही है.
आधुनिक तकनीक और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता
अधिकारियों के मुताबिक, रोपवे परियोजना में आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा और इसका पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा. यात्रा के दौरान श्रद्धालु त्रिकुटा पहाड़ियों का सुंदर दृश्य भी देख सकेंगे, जिससे यह आध्यात्मिक और प्राकृतिक अनुभव को और अधिक आनंददायक बनाएगा.