Pitra Paksha 2023: तर्पण में क्यों विशेष है कुशा, जानिए इसका वैज्ञानिक कारण

कुश एक पवित्र घास है जो शीतलता प्रदान करती है. वैज्ञानिक नजरिए से भी कुश का विशेष महत्व है. कुश में प्यूरीफिकेशन का गुण होता है.

Akshay Singh
Edited By: Akshay Singh

Pitra Paksha 2023: पित्र पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है.  पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में आवश्यक माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद देते हैं और इससे घर में धन, समृद्धि और खुशहाली रहती है.

कहा जाता है अगर पित्र नाराज रहते हैं तो घर में कई प्रकार की समस्याएं बनी रहती हैं. घर में ,आर्थिक तंगी धन हानि, झगड़े और कलह होने का कारण पितृ दोष हो सकता है. पित्र दोष से बचने के लिए पितृ पक्ष के दौरान पितरों के निमित्‍त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान किया जाता है. अगर आप इससे जरा भी परिचित हैं तो आपके मालूम होगा कि पितृ पक्ष के कर्मकांडों में कुशा का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है. तर्पण कार्य में अगर कुशा ना हो तो यह अधूरा है. आइए जानते हैं कि पितृ कर्म में कुश का उपयोग क्‍यों महत्‍वपूर्ण है. 

कहा जाता है कि पितृ पक्ष के 15 दिनों के दौरान पूर्वज मृत्‍युलोक में आते हैं और अपने परिवार के आसपास रहते हैं. साथ ही भोजन-पानी ग्रहण करते हैं. इसलिए लोग अपने पितरों के प्रति सम्‍मान प्रकट करने और उनकी भूख शांत करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि करते हैं. तर्पण करते समय जातक अपने सीधे हाथ की तीसरी उंगली में कुश धारण करते हैं. कुश को अंगूठी की तरह धारण किया जाता है. इसे पवित्री कहते हैं.

नाम से ही स्पष्ट होता है कि कुशा की अंगूठी को बहुत पवित्र होती है. पितरों के तर्पण के समय कुश की अंगूठी पवित्री धारण करने से पवित्रता बनी रहती है और पूर्वज तर्पण को पूरी तरह से स्‍वीकार कर लेते हैं.  

कहा जाता है कि कुश एक पवित्र घास है जो शीतलता प्रदान करती है. वैज्ञानिक नजरिए से भी कुश का विशेष महत्व है. कुश में प्यूरीफिकेशन का गुण होता है. यह घास जहां भी होती है आसपास के माहौल को प्‍यूरीफाई करती है, वहां के बैक्टीरिया अपनेआप ही नष्ट हो जाते हैं. साथ ही कुश घास एक बहुत अच्छी प्रिजर्वेटिव भी है.

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29 September 2023, 11:02 PM IST

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