Pitru paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का काफी महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष की अवधि में तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध कर्म किया जाता है. इस समय जो व्यक्ति अपने पितरों का पिंडदान व श्राद्ध कर्म करता है उन्हें अपने पितर का आशीर्वाद प्राप्त होता है. माना जाता है कि श्राद्ध कर्म करने से उस व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं साथ ही उनके जीवन में खुशियां आती हैं.
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 29 सितंबर 2023 दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 30 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक
1. हिंदू शास्त्रों में प्याज और लहसुन का प्रयोग इन दिनों में नहीं किया जाता है, क्योंकि ये चीजें हमारी इंद्रियों को प्रभावित करती हैं. इसीलिए भूलकर भी खाने में इनका सेवन न करें.
2. जब भी पितृ पक्ष शुरू होता है उस दौरान किसी भी तरह की कोई भी उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही किसी और के उत्सव में जाना चाहिए.
3. पितृ पक्ष की अवधि को अशुभ माना जाता है इसीलिए किसी भी नए कार्य को करने के लिए आप सबसे पहले किसी बड़े बुजुर्ग से सलाह लें उसके बाद ही किसी भी कार्य को करें.
4. पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को समर्पित है इसीलिए इस अवधि में शराब मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए.
5. पितृ पक्ष के दौरान कुछ कार्य करने से बचना चाहिए जैसे- बाल काटना, नाखून काटना, दाढ़ी बनवाना व आदि ऐसे काम हैं जिससे इस दिन बचना चाहिए. First Updated : Thursday, 28 September 2023