इस दिन से शुरू होगा पितृ पक्ष, तुलसी की पूजा करना कितना सही? जानें असर
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष की नवमी तिथि को कुल के दिवंगत महिलाओं का पिंडदान किया जाता। मान्यता है कि मातृनवमी के दिन महिला पितरों का श्राद्ध करने से इनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृपक्ष शोक काल माना गया है. पितृपक्ष के दौरान तुलसी पूजा को लेकर मन में कई सवाल उठते हैं. ऐसे में ज्योतिषी ने इन सवालों का उत्तर दिया है.
Pitru Paksha 2024: हिन्दू पंचांग के छठवें माह भाद्रपद में हर साल पितृपक्ष आता है. इस बार इसकी शुरुआत 18 सितंबर, दिन मंगलवार से होने जा रही है. इन दिनों में लोग तिथि के अनुसार, अपने पितरों को जल और भोजन तर्पण के माध्यम से देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि तर्पण से पितृ प्रसन्न होते हैं और आप पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
पितृपक्ष के दौरान सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है लेकिन हिन्दू पुराणों में पितृपक्ष की नवमी तिथि का एक विशेष महत्व है . पितृ पक्ष शोक काल माना गया है तो ऐसे में मन में एक सवाल आता है कि क्या इन दिनों में तुलसी पूजा की जा सकती है या नहीं? यदि आप भी इस बारे में सोचते हैं तो इस आर्टिकल में ये असमंजस दूर कर रहे हैं
पितृ पक्ष में तुलसी की पूजा करें या नहीं?
पितृपक्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक के समय में पड़ते हैं. इस समय में पितरों की शांति के लिए कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान कराए जाते हैं. वहीं इन दिनों में तुलसी की पूजा भी की जा सकती है इसकी मनाही नहीं है. बल्कि तुलसी पूजा का पितृ पक्ष में विशेष महत्व बताया गया है.
पितरों की आत्मा को शांति
शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान तुलसी का पौधा सकारात्मकता प्रदान करता है. ऐसा कहा जाता है कि इस समय में तुलसी के पौधे की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. यदि पूर्वज गुस्सा हैं तो वे भी शांत हो जाते हैं. पिशाच योनी में फंसे पितरों को भी मोक्ष मिल जाता है.
तर्पण पाकर खुश हो जाते हैं पितृ
पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों को तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को जल और भोजन मिलता है. ऐसा करने से आपको पितरों को आशीर्वाद मिलता है. जिससे जीवन सुखमय होता है. वहीं इन दिनों यदि आप तुलसी पूजा करते हैं तो पितरों को किसी भी तरह के कष्ट से मुक्ति भी मिल जाती है.