पैगंबर मुहम्मद साहब ने किए थे ये 4 बड़े चमत्कार
Prophet Muhammad Sahab: इस्लाम और उससे जुड़े कई किस्से हैं जो लोगों को हैरान करते हैं. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मोहम्मद साहब के किए 4 ऐसे चमत्कार जिनको देखकर लोग उनपर भरोसा करने लगे थे.
Prophet Muhammad Sahab: जब भी हम चमत्कार शब्द सुनते हैं, निश्चित रूप से तुरंत हम कुछ ऐसी चीज़ के बारे में सोचते हैं जो एक इंसान के रूप में हमारी समझ से परे हों, दूसरी तरफ, ऊपर वाला चाहे तो कुछ भी हो सकता है. इसी तरह, हमारे प्रिय पैगंबर, पैगंबर मुहम्मद ने कई ऐसे चमत्कार किए हैं जो आज तक लोगों को उनकी महानता की याद दिलाते हैं.
इस्लाम में चमत्कार क्यों हुए इसके लिए एक बात सामने आती है, जिसमें अल्लाह ने अपने भेजे दूतों को उनकी भविष्यवाणी की प्रामाणिकता के प्रमाण करने के लिए किए थे. यह कुछ ऐसा है जो कोई दूसरा इंसान नहीं कर सकता. आज हम आपको बताएंदे पैगंबर मुहम्मद के चमत्कारों के कुछ ऐसे ही चमत्कारों के बारे में.
1- पवित्र कुरान
पवित्र-कुरान पैगंबर का पहला और सबसे बड़ा चमत्कार है. यह एक ऐसी किताब है जो क़यामत के दिन तक ऐसा ही रहेगी और दुनिया भर के मुसलमानों के लिए हमेशा जिंदगी को दीने का आसान रास्ता दिखाती रहेगी.
2- चांद के टुकड़े
जब लोग मोहम्मद साहब की बातों पर भरोसा नहीं कर रहे थे, तब उन्होंने चांद के टुकड़े करके एक चमत्कार किया. जिसके बाद लोगों को अनपर दूत होने का भरोसा हुआ था. जब चांद को दो भागों में तोड़ा गया, तो हीरा पर्वत इसके बीच दिखाई देने लगा था. उन्होंने बताया कि हीरा पर्वत दिखाई देने से, वे देख सकते थे कि चांद पूरी तरह से अलग हो गया था.
3- पैगंबर के हाथों से पानी निकलना
मोहम्मद साहब ने एक बार नमाज के दौरान नमाजियों के लिए एक चमत्कार किया था. एक बार की बात है जब नमाज़ का वक्त हो गया लेकिन नमाज पढ़ने वालों के सामने पानी की समस्या थी, क्योंकि वहां पर वुज़ू करने के लिए पानी नहीं मिला. जब ये बात मोहम्मद साहब को पता चली तो उन्होंने एक कटोरा मांगा और कटोरे में अपना हाथ डाला और उनकी उंगलियों से पानी निकलने लगा. वो पानी इतना था कि नमाजियों के वुजू करने के लिए पूरा हो जाए.
4- थोड़ा सा खाना हुआ ज्यादा
यह घटना तब हुई जब अबू तल्हा ने मोहम्मद साहब की कमजोर आवाज सुनी और उसे पता चला कि यह एक संकेत है कि मोहम्मद साहब को भूख लग रही है. फिर, उन्होंने अपनी पत्नी को मोहम्मद साहब के लिए खाना तैयार करने के लिए कहा, उनके पास खाना बहुत कम था. इसलिए, उन्होंने अनस बिन मलिक से मोहम्मद साहब को अपने घर पर खाने के लिए बुलाने को कहा.
उस समय मोहम्मद साहब दूसरे लोगों के साथ मस्जिद में थे, फिर उन्होंने उन सभी को साथ आने के लिए कहा. ये देखकर अबू और ज्यादा परेशान हो गए, क्योंकि जो खाना मोहम्मद साहब के सामने रखा था वो सभी के लिए पूरा नहीं होता. हालांकि, जब मोहम्मद साहब आए तो उन्होंने अपने साथियों को एक वक्त में दस लोगों को बारी-बारी से खाने के लिए अंदर आने को कहा. मोहम्मद साहब का ही ये चमत्कार था कि लगभग 70, 80 लोगों को तब तक खाना दिया गया जब तक उनका सही से पेट ना भर गया.