Rajasthan Temple: आज देशभर में करवा चौथ की धूम मची हुई है. आज के दिन सभी महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और माता से कामना करती हैं कि उनकी पति का जीवन हमेशा सुखी रहे. वैसे तो करवा चौथ पर घर पर ही चौक बनाकर पूजा की जाती है लेकिन इस मौके पर आप देश के सबसे पुराने और बड़े चौथ माता के मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं. यह मंदिर राजस्थान में मौजूद है. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह काफी साल पुराना मंदिर है और आज के दिन इस मंदिर का मान्यता काफी बढ़ जाती है.
चौथ माता का मंदिर राजा भीम सिंह ने बनवाया था. कहा जाता है कि चारू माता ने स्वप्न में राजा भीमसिंह चौहान को दर्शन देकर मंदिर बनवाने का आदेश दिया था.
राजा जब शिकार पर निकलते तो उन्हें चौथ माता की प्रतिमा मिली. जिसे लेकर वह बरवाड़ा वापस आ गए और पुरोहितों की सलाह से बरवाड़ा की पहाड़ की चोटी पर माघ कृष्ण चतुर्थी को प्रतिमा की स्थापना की गई. हर साल आज के दिन इस मंदिर में चौथ माता मेला लगता है.
मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मंदिर में विवाहित जोड़ों पर विशेष कृपा होती है. यहां करवा चौथ के मौके पर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना करने आती हैं. चौथ माता देवी गौरी का ही रूप मानी जाती हैं.
माता गौरी की पूजा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. यहां के लोगों का कहना है कि इस जगह पर सालों से अखंड ज्योति जल रही है. यह राजस्थान के 11 प्रसिद्ध मंदिरों में शुमार है. यहां पहुंचने के लिए सवाई माधोपुर शहर से 35 किमी दूर बरवाड़ा नामक गांव में जाना पड़ेगा. First Updated : Wednesday, 01 November 2023