Ramadan 2025: मक्का में पहली तरावीह के लिए इक्ट्ठे हुए हजारों मुसलमान, देखें Video
Ramadan 2025: इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पाक महीना माना जाता है. मक्का और मदीना में रमजान की पहली तरावीह की नमाज अदा की गई, जहां हजारों मुसलमान इबादत के लिए जमा हुए. इस मौके की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं.

Ramadan 2025: शुक्रवार, 28 फरवरी को मक्का स्थित ग्रैंड मस्जिद और मदीना की पैगंबर मस्जिद में रमजान 1446-2025 की ईशा और पहली तरावीह की नमाज अदा की गई. इस खास मौके पर हजारों मुसलमान मस्जिदों में मौजूद रहे. इनकी कुछ क्लिप्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
सऊदी अरब के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार शाम रमजान का चांद नजर आने की पुष्टि करते हुए शनिवार, 1 मार्च को पहले रोजे का ऐलान किया. वहीं, भारत में पहला रोजा रविवार को रखा जाएगा. इस्लाम धर्म के लिए पवित्र माने जाने वाले इस महीने की शुरुआत के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज भी शुरू हो गई है.
A small clip of recitation by Sheikh Abdul Rahman Sudais at Masjid Al Haram pic.twitter.com/o7q6zdUo5l
— 𝗛𝗮𝗿𝗮𝗺𝗮𝗶𝗻 (@HaramainInfo) February 28, 2025
मक्का और मदीना में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
मक्का की ग्रैंड मस्जिद में पहली चार रकात नमाज शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस ने पढ़ाई, जबकि अगली चार रकात शेख शमसन ने अदा कराई. अंतिम दो रकात और वित्र की नमाज फिर से शेख सुदैस ने अदा करवाई. इसी तरह, पैगंबर मस्जिद में शुरुआती छह रकात शेख अहमद हुदैफी ने पढ़ाई, जबकि अंतिम चार रकात और वित्र की नमाज शेख सालह अल बुदैर ने अदा कराई. इस दौरान मस्जिदें पूरी तरह से भरी हुई नजर आईं, जहां हजारों श्रद्धालु रमजान की इबादत में मग्न रहे.
इस्लाम धर्म में सबसे पाक माना जाता है रमजान
इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पाक महीना माना जाता है, जो इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का नौवां महीना होता है. यह महीना इबादत, रहमत और बरकतों से भरपूर होता है. रमजान का चांद नजर आने के साथ ही नमाज, रोजा और दुआओं का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस दौरान मुसलमान रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते हैं. रोजा इस्लाम के पांच मुख्य स्तंभों में से एक है, जिनमें शहादत, नमाज, रोजा, जकात और हज शामिल हैं.
तरावीह की नमाज क्या होती है?
रमजान के महीने में पांच वक्त की नमाज के अलावा एक विशेष नमाज अदा की जाती है, जिसे तरावीह कहा जाता है. यह नमाज ईशा की नमाज के बाद पढ़ी जाती है और इसमें 2-2 रकात करके कुल 20 रकातें अदा की जाती हैं. तरावीह की नमाज का मकसद पूरे रमजान के दौरान कुरान शरीफ का पाठ करना और अल्लाह से रहमत मांगना होता है.
तरावीह की नमाज कैसे पढ़ी जाती है?
तरावीह की नमाज में हर रकात की शुरुआत सूरह अल-फातिहा से की जाती है और हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है. चार रकात के बाद तरावीह की विशेष दुआ या तस्बीह पढ़ने की परंपरा है. इस नमाज के दौरान नमाजी अपने परिवार की खुशहाली, देश की सलामती और दुनिया में अमन-शांति की दुआ मांगते हैं. ऐसा माना जाता है कि तरावीह की नमाज पढ़ने से अल्लाह की रहमत और बरकत प्राप्त होती है.