केदारनाथ में बर्फवारी के चलते पंजीकरण 30 तक रोका, राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं से किया आग्रह
केदारनाथ में बर्फवारी के चलते श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तक बंद कर दिया गया है।साथ ही ऋषिकेश, देहरादून, गढ़वाल हिमालय की उंची पहाड़ियों खासतौर पर केदारनाथ में पिछले कुछ दिनों से बारिश तथा बर्फवारी होने के कारण उत्तराखंड सरकार ने रविवार को चारधाम के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 अप्रैल तक रोक दिया है।
हाइलाइट
- बर्फबारी को देखते हुए केदारनाथ धाम के लिए ऋषिकेश एवं हरिद्वार में श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 अपैल तक के लिए रोकने का फैसला किया गया है ।
सभी तीर्थयात्रियों से मौसम का पूर्वानुमान देखकर संभलकर यात्रा प्रारंभ करने का आग्रह किया। केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार 25 अप्रैल को खुल रहे हैं। गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) एवं चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के अपर मुख्य अधिकारी नरेंद्र सिंह कविरियाल का कहना है कि खराब मौसम एवं भारी बर्फबारी को देखते हुए केदारनाथ धाम के लिए ऋषिकेश एवं हरिद्वार में श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 अपैल तक के लिए रोकने का फैसला किया गया है।
लिए जायेंगे समुचित निर्णय
उन्होंने बताया कि सरकार केदारनाथ धाम के लिए पंजीकरण को लेकर आने वाले दिनों में मौसम की सतत समीक्षा करेगी और उसी के हिसाब से आगे यात्रियों तथा यात्रा के हित में समुचित निर्णय लिए जायेंगे। गढ़वाल हिमालय की उंची पहाड़ियों विशेषरूप से केदारनाथ धाम में लगातार रूक-रूक कर बारिश और बर्फवारी हो रही है जिस कारण वहाँ न केवल तापमान काफी नीचे आ गया है बल्कि पैदल रास्तों पर बार-बार जमने वाली बर्फ को साफ करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
श्रद्धालुओं से किया आग्रह
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम में गत दिनों से हो रही बारिश-बर्फबारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे मौसम के मद्देनजर संभल कर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं व अनेक प्रकार की सावधानियां जरूर बरतें।उन्होंने कहा, ‘‘देश-विदेश से आने वाले समस्त श्रद्धालुओं को सूचित किया जाता है कि श्री केदारनाथ धाम जाने से पहले मौसम का पूर्वानुमान देखें और बारिश एवं ठंड से बचने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े अपने साथ लेकर आएं। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि बर्फबारी एवं अत्यंत ठंड होने के कारण तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान कई तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है।
हांलांकि, सरकार ने कहा है कि सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं और यात्रा प्रारंभ करने या यात्रा के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने पर श्रद्धालु तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श ले और अपना इलाज भी करा सकते हैं। सरकार का कहना है कि वह सुगम, सुरक्षित और निर्बाध यात्रा सम्पन्न कराने के लिए कटिबद्ध है तथा यात्रा व्यवस्थाओं की नियमित रूप से उच्च स्तर से निगरानी की जा रही है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि अन्य तीन धामों—बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए श्रद्धालुओं के पंजीकरण का काम चल रहा है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शनिवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले जा चुके हैं और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो की जा चुकी है। बताया जा रहा है कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलें जायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सभी धामों में दर्शनार्थियों की दैनिक सीमा तय किए जाने के निर्णय को वापस ले लिया था । इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालुओं का पंजीकरण करना बेहद जरूरी है। चारधाम यात्रा के लिए अभी तक देश-विदेश से 16 लाख से अधिक लोग अपने पंजीकरण करवा चुके हैं।