रिसर्च से खुलासा: करोड़ों साल पहले धरती पर चलते थे पैरों वाले सांप!
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है, जिसमें यह सामने आया है कि करोड़ों साल पहले सांप पैरों के सहारे चलते थे. एक नई रिसर्च ने यह रहस्य खोला है कि सांपों का विकास पहले जो माना जाता था, उससे कहीं अलग था. वैज्ञानिकों ने जीवाश्मों का अध्ययन किया और पाया कि प्राचीन काल में सांपों के शरीर में पैर होते थे, जो अब पूरी तरह से गायब हो चुके हैं.

धरती पर आज जिस तरह के सांप नजर आते हैं, वे बिना पैरों के होते हैं, लेकिन करोड़ों साल पहले ऐसे सांप थे, जिनके पास पैरों का भी अस्तित्व था. हाल ही में किए गए एक शोध ने इस तथ्य को और भी स्पष्ट कर दिया है. इस शोध में वैज्ञानिकों ने पैरों वाले सांपों के अस्तित्व के बारे में चौंकाने वाला सबूत पाया है, जो अब तक मान्यता प्राप्त सरीसृपों से अलग था.
वैज्ञानिकों का मानना है कि लाखों साल पहले सांपों के पास पैर थे और वे अन्य सरीसृपों की तरह चलते थे. धीरे-धीरे, इन्हें प्राकृतिक चयन के कारण अपने पैरों को छोड़ने का एक फायदा हुआ, क्योंकि यह अंगों की अनुपस्थिति उन्हें फिसलने और घुसने में मददगार बनाती थी. लेकिन हाल ही में मिली नई खोज से यह सिद्ध हुआ है कि पैरों वाले सांप वास्तव में हमारे पृथ्वी पर थे, और ये जानकारी उनके विकास की दिशा को समझने में सहायक है.
शोध में क्या मिला?
वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की प्राचीन जीवाश्म को खोजा है, जिसमें पैर के अवशेष पाए गए हैं. यह जीवाश्म लगभग 105 मिलियन साल पुराना माना जा रहा है. इस खोज ने यह साबित कर दिया कि सांपों के पूर्वजों के पास पैर थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, इन पैरों का उपयोग खत्म होता गया और धीरे-धीरे ये पूरी तरह गायब हो गए.
नई खोज के महत्व
यह खोज न केवल सांपों के विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है, बल्कि यह यह भी दिखाती है कि प्रजातियाँ अपने परिवेश के अनुकूल कैसे विकसित होती हैं. इससे हम पृथ्वी पर जीवन के विकास और प्राकृतिक चयन के रहस्यों को और अधिक समझ सकते हैं. यह शोध जीवाश्म विज्ञान और जीवविज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.