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वैशाख के महीने में भूलकर भी न करें ये काम, जानें शास्त्रों में क्या लिखा है

वैशाख महीना भारतीय पंचांग का दूसरा महीना है. इस महीने में विशेष रूप से पूजा, दान और व्रत का महत्व बढ़ जाता है, साथ ही कुछ कामों से बचना भी आवश्यक है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Vaishakh month: वैशाख मास भारतीय पंचांग के अनुसार साल का दूसरा महीना होता है, जो चैत्र महीने के बाद आता है. वर्ष 2025 में वैशाख महीने की शुरुआत 13 अप्रैल को हुई और यह 12 मई तक चलेगा. धार्मिक दृष्टिकोण से यह महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिसमें कई प्रमुख त्योहार और व्रत होते हैं. विशेष रूप से बुद्ध पूर्णिमा और अक्षय तृतीया जैसे पर्व इस महीने में मनाए जाते हैं. साथ ही, वैशाख माह के साथ खरमास का समापन होता है, जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

यह महीना भगवान विष्णु के पूजन का समय होता है और इस दौरान किए गए कार्यों से श्रीविष्णु की कृपा प्राप्त होती है. स्कंद, पद्म, ब्रह्मवैवर्त, और महाभारत जैसे ग्रंथों में वैशाख महीने के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई है. इस महीने में विशेष रूप से व्रत, स्नान, दान और जप का महत्व बढ़ जाता है. हालांकि, इस महीने में कुछ कामों से बचना चाहिए, जिन्हें शास्त्रों में गलत माना गया है.

वैशाख महीने में न करें ये काम

  1. सुबह देर तक न सोएं: वैशाख मास में सुबह देर तक सोने की आदत को त्यागना चाहिए. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना और सूर्य को जल चढ़ाना आदर्श माना जाता है.

  2. खानपान पर ध्यान दें: गर्मी के कारण इस महीने में पानी का सेवन बढ़ा देना चाहिए और अधिक तेल-मसालेदार भोजन से बचना चाहिए. शरीर को ठंडक बनाए रखने के लिए हल्का और शीतल आहार लेना चाहिए.

  3. तेल मालिश से बचें: स्कंद पुराण के अनुसार, वैशाख माह में तेल मालिश से बचना चाहिए. इस माह में शरीर को अधिक गर्मी से बचाना जरूरी है.

  4. दिन में अधिक न सोएं: इस महीने में दिन के समय अधिक देर तक सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. थोड़ी देर का विश्राम पर्याप्त होता है.

वैशाख महीने में करें ये काम

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें: वैशाख महीने में दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले करनी चाहिए. इस दौरान स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाना और तुलसी के पास दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है.

  2. दान और पूजा का महत्व: इस माह में दान का बहुत महत्व है. किसी मंदिर में ध्वज (झंडा) और पानी से भरा मटका दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, गरीबों और जरूरतमंदों को जल का दान भी अत्यधिक लाभकारी है. विशेष रूप से गर्मियों में जल का दान करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है.

  3. तीर्थ दर्शन और नदी स्नान: वैशाख मास में तीर्थ यात्रा और नदी स्नान करने को बेहद पवित्र माना गया है. यह समय आत्मिक उन्नति और शुद्धि के लिए उपयुक्त होता है.

  4. सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाना: यदि आप सक्षम हैं, तो सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगवाना या मटका दान करना पुण्य का कार्य है. जलदान से देवता, ऋषि और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

  5. गर्मी से बचाव के लिए दान: वैशाख में तेज गर्मी का सामना करना पड़ता है, इस दौरान जूते-चप्पल, पंखा और छतरी का दान भी किया जा सकता है. यह कार्य विशेष रूप से समाज में जरूरतमंदों के लिए अत्यंत सहायक होता है.

Disclaimer: ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारी पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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17 April 2025, 11:18 AM IST

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