भगवान शिव हमेशा रुद्राक्ष को पहनते थे. मान्यता है कि रुद्राक्ष में स्वंय शिव का वास होता है. इसे धारण करने से कई संकट टल जाते हैं. लेकिन गर्भवती महिला को रुद्राक्ष धारन नहीं करना चाहिए.
शिव पुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति मांसाहार का सेवन करते हैं और धुम्रपान करते हैं उन्हें रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए. हिन्दु धर्म में बच्चे के जन्म के सवा महीने सूतक काल होते हैं और यह समय अशुद्ध माना जाता है. इस परिस्थिति में रुद्राक्ष पहनना उसका अपमान करना होता है.
रुद्राक्ष को काले धागे में नहीं पहनना चाहिए और इसे गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए. इसके अलावा खुद के द्वारा पहने हुए रुद्राक्ष को किसी दूसरे नहीं पहनाना चाहिए.
अगर किसी के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो ऐसे में सूतक काल खत्म होने के बाद ही रुद्राक्ष पहनना चाहिए. सूतक काल में रुद्राक्ष पहनने से कोई लाभ नहीं मिलता है.
सोते समय रुद्राक्ष धारण किए व्यक्ति को उसे उतारकर सोना चाहिए. आप इसे तकिए के नीचे रख सकते हैं जिससे बुरे सपने नही आते है.