Karwa Chauth 2024: सनातन धर्म में करवा चौथ के पर्व का विशेष महत्व है, ये त्योहार पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस खास अवसर पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं. मान्यता है कि व्रत करने से महिलाओं को सदैव सुहागिन होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है. ये व्रत सूर्योदय के साथ प्रारंभ होता है और चंद्रोदय के साथ समाप्त होता है.
सनातन शास्त्रों में करवा चौथ व्रत के नियम के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि नियम का पालन न करने से महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति से वंचित रहती हैं. साथ ही जीवन दाम्पत्य जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए.
➤सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन लाल वस्त्र धारण करें, क्योंकि लाल रंग के वस्त्र सुहाग की निशानी मानी जाती है.
➤सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार करने के बाद पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
➤चंद्र दर्शन करने के बाद ही महिलाओं को व्रत का पारण कर लेना चाहिए.
➤व्रत जिस दिन रखा है उस दिन किसी का अपमान करने से बचें.
➤व्रत के दौरान अन्न या जल का सेवन नहीं करना चाहिए.
➤करवा चौथ व्रत समय - सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
➤करवा चौथ पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
➤करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर First Updated : Sunday, 13 October 2024