Saphala Ekadashi 2024: इस साल सफला एकादशी का पावन व्रत 26 दिसंबर 2024, गुरुवार को रखा जाएगा. गुरुवार और एकादशी दोनों ही भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं, जिसके कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है. यह व्रत न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि जीवन को नई दिशा भी देता है.
सफला एकादशी व्रत का महत्व
आपको बता दें कि धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि जो व्यक्ति सफला एकादशी का व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ करता है, उसे जीवन में समस्त प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. इसे करने से राजसूय यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. भगवान विष्णु स्वयं इस दिन व्रत रखने वालों पर कृपा करते हैं और उनके समस्त पापों का नाश होता है.
सफला एकादशी की कथा
वहीं आपको बता दें कि पुराणों के अनुसार, चम्पावती नगरी में महिष्मान नामक राजा का एक पुत्र लुम्पक था, जो महापापी और दुष्ट प्रवृत्ति का था. उसके कुकर्मों से पूरी प्रजा परेशान थी. जब राजा को उसके कुकर्मों का पता चला, तो उसने उसे राज्य से निष्कासित कर दिया. लुम्पक जंगल में रहने लगा और रात में चोरी व अन्य दुष्कर्म करता था. साथ ही बता दें कि एक बार पौष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन लुम्पक ठंड से मूर्च्छित हो गया. अगले दिन सफला एकादशी थी. भूख के कारण उसने पीपल वृक्ष के नीचे गिरे फलों को भगवान को अर्पित कर दिया. अनजाने में किए गए इस उपवास और जागरण से भगवान विष्णु प्रसन्न हुए. लुम्पक के सभी पाप नष्ट हो गए और उसे अपना खोया हुआ राज्य वापस मिल गया.
सफला एकादशी का फल
इसके अलावा आपको बता दें कि सफला एकादशी व्रत का पालन करने वाले भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. उनके सभी कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है.
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.) First Updated : Friday, 20 December 2024