Sawan 2023: क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर दूध.., जानिए वैज्ञानिक कारण...
सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में बाबा भोलेनाथ के प्रतीक शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक भी खूब किया जाता है.
Sawan 2023: आप दफ्तर से शाम को घर लौटते समय पड़ोस की दुकान से दूध लेने जाएं और दुकानदार कहे कि दूध खत्म हो गया है क्योंकि सारा दूध सुबह ही शिव मंदिर में अभिषेक के लिए चला गया था. ऐसे में आप क्या सोचेंगे? यही न कि क्या शिव जी को दूध चढ़ाना सही है? क्या ये दूध की बर्बादी नहीं है? हो सकता है आप इसे अंधश्रद्धा भी कहें.
सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में बाबा भोलेनाथ के प्रतीक शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक भी खूब किया जाता है. भक्त सावन के महीने में शिव जी पर अपनी श्रद्धा अनुसार लीटरों दूध चढ़ा देते हैं. आइए जानने का प्रयास करते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है. शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है या सिर्फ मान्यता?
धार्मिक मान्यता कहती है कि शिव जी ने समुद्र मंथन के दौरान विषपान किया था जिसकी वजह से उनके शरीर में जलन होने लगी थी. शिव जी ने दुनिया को बचाने के लिए विष को अपने शरीर में धारण कर लिया था लेकन अब वे स्वयं संकट में पड़ गए. ऐसे में देवताओं ने उनके शरीर पर जल डालना शुरु किया लेकिन इससे कोई असर नहीं हुआ. तब देवताओँ ने उनसे दूध पीने का अनुरोध किया जिससे उनकी जलन शांत हुई. यही कारण है कि भगवान शिवजी को खुश करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है.
स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए भी सावन के महीने में दूध न पीने की सलाह दी जाती है. आर्युवेद कहता है कि सावन के महीने में गाय या भैंस चारे के साथ बहुत से कीड़े-मकोड़े भी खा लेते हैं जिसके चलते उनका दूध सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है. इसीलिए इस महीने में दूध या दूध से बने किसी भी प्रकार के पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहीए.
सावन के महीने में वात संबंधी बीमारियां सबसे ज्यादा होती हैं. ये रितु परिवर्तन का समय है और इसी वजह से शरीर में वात परिवर्तन संबंधी प्रवृत्ति बढ़ जाती है. अतः दूध का सेवन करने से बचना चाहिए.