Sawan 2024: सावन में हरी चूड़ियों से जुड़ी होती है पति की आयु, महत्व जान होंगे हैरान

Sawan 2024: जुलाई-अगस्त का महीना हिंदू धर्म में सबसे अधिक व्रत और त्योहारों का होता है. इसका आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है, इसलिए किसी भी पूजा या अन्य धार्मिक आयोजन करने के लिए यह महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. इतना ही नहीं इस महीने में ही कांवड़ यात्रा निकाली जाती है. साथ ही जगह-जगह शिव भक्तों की टोली आपको दिखाई देती है.

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सावन के पावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई यानी आज से हो चुका है. शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ भी देखने के मिल रही है. हिंदू धर्म में सावन के पवित्र महीने का बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है. सावन की शुरुआत होते ही हर तरफ पेड़-पौधे वातावरण हरा भरा दिखाई देता है.

इसके अलावा इस महीने में शादीशुदा महिलाएं भी हरे रंग के कपड़े, गहने और चूड़ियां पहनती हैं. इसी हरे रंग के साथ तैयार होकर महिलाएं शिव मंदिर पूजा-पाठ के लिए पहुंचती हैं. बता दें कि सावन शुरू होते ही बाजारों में उपस्थित दुकानें को भी हरी चूड़ियों से सजा दिया जाता है. आखिर क्या है हरी चूड़ियों का राज और महत्व तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे का असली कारण.

सावन में महत्व हरी चूड़ियों की खासियत

सावन के महीने में आसमान में अधिक बारिश देखी जाती है. जिसकी वजह से चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है. कहा जाता है कि हरा रंग उल्लास का प्रतीक होता है. जो मन को बेहद आनंदित रखता है, साथ ही ये भी कहा जाता है कि सावन महीने में भगवान भोलेनाथ को चढ़ाए जाने वाले बेल और धतूरे का रंग भी हरा होता है. वहीं प्रकृति का निर्माण करने वाले भगवान शिव हरे रंग से बहुत खुश होते हैं.

यही वजह है कि सुहागिन महिलाएं सावन में हरी चूड़ियां पहनती हैं. हरी चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक भी कहा जाता है. हरी चूड़ियां पहनकर महिलाएं भोलेनाथ की विधि विधान से आराधना करती हैं, और पति की लम्बी आयु की कामना भी करती हैं.  

हरी चूड़ियों में छुपी होती है पति की आयु

सावन के पावन महीने में हरी चूड़ियां और हरे कपड़े पहनने से महिलाओं को शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भगवान भोलेनाथ के दर पर जाने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है. इस हालात में लगभग सभी भक्त पूरे महीने शिव पर जल अर्पित करते है. अगर पूरे महीने नहीं भी कर पाएं तो प्रत्येक सोमवार को उपवास और पूजा तो जरूर ही करते हैं.

First Updated : Monday, 22 July 2024