सावन की शुरुआत होते ही शिव भक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं. हिन्दू धर्म में इस यात्रा को बहुत पवित्र होने के साथ जीवन में शुभ फलदायी देने वाला माना जाता है. भगवान भोलेनाथ का प्रत्येक भक्त चाहता है कि वह अपने जीवन में एक बार इस यात्रा का हिस्सा जरूर बने. साल 2024 में डाक कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होने वाली है. कांवड़ यात्रा कुल 4 प्रकार के होते हैं, जिसमें दांडी और डाक कावड़ यात्रा को बहुत ही कठिन माना जाता है.
डाक कावड़ यात्रा की महत्वता
डाक कावड़ यात्रा हर किसी के लिए कर पाना संभव नहीं है. क्योंकि इससे जुड़े कई ऐसे नियम होते हैं जो बहुत कठिन होते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि डाक कांवड़ पर निकालने वाले भक्त अगर एक बार कावड़ उठा लेते हैं तो उसके बाद शिव धाम पहुंचकर ही रखते हैं. कहने का मतलब है कि शिव भक्तों को लगातार कांवड़ को लेकर चलते रहना पड़ता है. इस यात्रा को तय करने का एक सही वक्त निश्चित होता है. वहीं भक्तों को 24 घंटे के अंदर शिव धाम तक पहुंचाना होता है. इसीलिए इस यात्रा को बाकी कांवड़ यात्राओं से अधिक कठिन कहा जाता है.
अधिकतर भक्त इस यात्रा को पूरा करने के लिए भक्तों की एक टोली तैयार करते हैं. जिसमें वाहन की सहायता भी ली जाती है. एक कांवड़िया कावड़ को लेकर पैदल दौड़ता है साथ ही बाकी के साथी वाहन में होते हैं, जब एक थक जाता है तो दूसरा कांवड़िया कंधे में कांवड़ को लेकर दौड़ने लगता है.
कांवड़ यात्रा के खास नियम
कांवड़ यात्रा शुरू करने वाले भक्त यात्रा से पहले ही सात्विक जीवन जीना प्रारंभ कर देते हैं. सभी भक्तों को कुछ सप्ताह पहले से ही तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए. यात्रा के दौरान भक्तों को शराब, सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए. इसके साथ ही कांवड़ यात्रा पर निकले लोगों को अपने मन में बुरे विचार नहीं आने चाहिए. जो लोग इन विशेष नियमों का पालन करते हुए कावड़ यात्रा संपन्न करते हैं उनकी सभी मनोकामनाओं को भगवान भोलेनाथ अवश्य ही पूरा करते हैं.
First Updated : Friday, 19 July 2024