नवरात्रि का आज चौथा दिन, देवी कुष्मांडा की करें पूजा, जानें मुहूर्त, भोग, महत्व
shardiya navratri 2024 4th day: आज (6 अक्टूबर) मां दुर्गा की चौथी शक्ति कुष्मांडा की पूजा का दिन है. कुष्मांडा बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाली देवी हैं. देवी ने इस स्वरूप में लाल, पीले और हरे रंग के वस्त्र धारण किए हैं, इसलिए इनकी पूजा में भक्तों को लाल, पीले या हरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए.
shardiya navratri 2024 4th day: आज के दिन शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरुप मां कूष्मांडा की पूजा करते हैं. वह चौथी नवदुर्गा कहलाती हैं. 8 भुजाओं वाली मां कूष्मांडा शेर पर सवार होती हैं. उनके हाथों में गदा, चक्र, धनुष, बाण, माला, अमृत कलश, कमल पुष्प होते हैं. ये देवी साहस और अद्भुत शक्ति का प्रतीक हैं.
उनके अंदर इस पूरी सृष्टि के सृजन की क्षमता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, कूष्मांडा का अर्थ कुम्हड़ा होता है. इसमें अनेकों बीज होते हैं, जिसमें एक नए पौधे के सृजन की शक्ति होती है. देवी कूष्मांडा भी सृजन की देवी हैं. आइए जानते हैं मां कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र, भोग, मुहूर्त और महत्व के बारे में.
शारदीय नवरात्रि चौथा दिन 2024
दृक पंचांग के आधार पर अश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 07:49 बजे से प्रारंभ हो रही है और यह 7 अक्टूबर को सुबह 09:47 बजे तक है.
मां कूष्मांडा पूजा मंत्र
- ऐं ह्री देव्यै नम:
- या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां कूष्मांडा की पूजा विधि
व्रत वाले दिन आपको ब्रह्म मुहूर्त में दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर मां कूष्मांडा की पूजा करनी चाहिए. सबसे पहले मां कूष्मांडा का गंगाजल से अभिषेक करें. फिर उनको लाल गुड़हल, गुलाब आदि का फूल चढ़ाएं. उनको अक्षत्, सिंदूर, फल, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य, श्रृंगार सामग्री आदि चढ़ाएं. इस दौरान मंत्र का उच्चारण करें. फिर मां कूष्मांडा को दही, हलवा और मालपुआ का भोग लगाएं. इसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. पूजा का समापन मां दुर्गा और देवी कूष्मांडा की आरती से करें.