Solar Eclipse 2023: इस बार 20 अप्रैल दिन गुरुवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। कहा जाता है कि यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। यदि आप ज्योतिष की माने तो करीब 19 साल बाद मेष राशि में सूर्य ग्रहण लगेगा।
इसके साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण को अशुभ माना गया है।वहीं दूसरी ओर विज्ञान की नजर में ग्रहण लगने के घटना ऐसी होती है जिससे वैज्ञानिकों को कुछ नया प्राप्त होता है।साथ ही विज्ञान के लिए प्रयोग के लिए सूर्य ग्रहण को खास माना जाता है।
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों से ही पौराणिक और वैज्ञानिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इसीलिए धार्मिक और विज्ञान की दृष्टि से ग्रहण की व्याख्या भी अलग-अलग होती है।
सूर्य या चंद्र ग्रहण लगने का कारण समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है।कई लोगों का मानना है कि समुद्र मंथन से निकले अमृत का पान करने के लिए देवताओं और दानवों के बीच काफी विवाद हुआ था।
भगवान विष्णु ने एक स्त्री का रूप धारण कर पहले देवताओं को अम़ृत पान करा दिया, लेकिन देवताओं की पंक्ति में एक असुर ने भी बैठकर अमृत पान कर लिया था, लेकिन सूर्य और चंद्र ने उस दानव को पहचान लिया और तुरंत भगवान विष्णु को इस बारे में बताया गया।
जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उस दानव का सिर धड़ से अलग कर दिया, लेकिन उस दानव की मत्यु नहीं हुई।क्योंकि दानव ने अमृत पान किया हुआ था।
इसी दावन के सिर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतु कहलाया। इस घटना के बाद और चंद्रमा राहू केतु के शत्रु हो गए और राहू-केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रास करते है। जिसे ग्रहण के नाम से जाना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
ग्रहण पड़ते समय अधिक से अधिक मंत्रों का जाप करके देवी-देवताओं का प्रसन्न किया जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएं,तो स्नान जरुर कर लें।
इसके साथ ही ग्रहण पड़ते समय याद रहें कि पूजा यज्ञ और आरती करने से बचे।
खाने-पीने की चीजों पर ग्रहण पड़ने से पहले ही तुलसी का पत्ता डाल दें।इस तरह के उपाय करने से नकारात्मक प्रभाव दूर रहते हैं। First Updated : Wednesday, 19 April 2023