उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए कुछ नियम और सावधानियां बरतनी होती हैं. गर्भगृह में जाने के लिए महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को धोती-कुर्ता पहनना ज़रूरी है. बिना साड़ी-धोती-कुर्ता के किसी और कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं किया जा सकता. इसके अलावा मंदिर में फोटोग्राफी, मोबाइल फोन का इस्तेमाल, वर्जित है.
केरल के प्रसिद्ध गुरुवायूर कृष्ण मंदिर में प्रवेश के लिए एक सख्त ड्रेस कोड का पालन करना होता है. इस मंदिर में केवल हिंदुओं को जाने की अनुमति है. ड्रेस कोड की बात करें तो इस मंदिर में पुरुष धोती पहन कर मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं. वहीं कमर के चारों ओर मुंडू पहनना होता है और छाती को खुला रखना होता है. छाती को कपड़े के एक छोटे टुकड़े (वेष्टी) से ढकने की अनुमति है. वहीं महिलाएं साड़ी और सूट पहनकर ही मंदर में प्रवेश कर सकती है.
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है. इस मंदिर में भी ड्रेस कोड को लेकर सख्त नियम है. यहां चमड़े से बनी चीजें लाने की अनुमति नहीं है. इसलिए, बेल्ट और पर्स जैसी चीजे मंदिर के अंदर नहीं ले जा सकते हैं. पुरुषों को दर्शन के लिए ऊपरी हिस्से के कपड़े उतारने होते हैं. वहीं महिलाएं किसी भी तरह के पारंपरिक कपड़े पहनकर जा सकती हैं.
तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए भी बहुत से नियमों का पालन करना होता है. नियम के अनुसार दर्शन करने से पहले आपको कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना चाहिए. फिर वेंकटाचल पर्वत पर जाकर बालाजी के दर्शन करना चाहिए. इसके बाद पद्मावती देवी के दर्शन करना चाहिए. इस मंदिर में पुरुषों को धोती पहनकर जाने की इजाजत है वहीं महिलाएं साड़ी पहनकर दर्शन कर सकती हैं.
केरल के कोल्लम जिले में स्थित कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर में पुरुषों के प्रवेश पर पाबंदी है. पुरुषों को मंदिर में दर्शन के लिए महिलाओं की तरह सजना-संवरना होता है. इस मंदिर से जुड़े कई नियम हैं जिसे सभी को पालन करना अनिवार्य होता है.