आचानक संगम तट पर गिरे फूलों को समेटते दिखे लोग, आखिर ऐसा हुआ क्यों?
महाकुंभ में मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को पहला अमृत स्नान शुरू है. कड़ाके की ठंड में आस्था का सैलाब उमड़ा है. कुंभ मेला क्षेत्र दिव्य सजावट और भव्य तैयारियों से जगमगा उठा है. चारों ओर आध्यात्मिकता का प्रकाश और धर्म की गूंज है.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज महाकुंभ मेला शुरू हो गया है, जहां आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. लोग पवित्र डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से यहां पहुंचे हैं. संगम तट पर पहले अमृत स्नान के लिए साधु-संतों की भारी भीड़ लगी हुई है. जैसे ही साधु-संत अमृत स्नान करने के लिए निकले, वहां भक्तों का भी जनसैलाब उमड़ आया.
लोग साधु-संतों के सामने खड़े होकर उनकी चरणों की धूल माथे पर लगा रहे थे. मकर संक्रांति के अवसर पर विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों ने मंगलवार को महाकुंभ मेले में अमृत स्नान किया.
श्रद्धालुओं ने सड़क पर गिरे फूल और मिट्टी को माथे से लगाया
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें लोग साधु-संतों के पैरों के नीचे की मिट्टी उठाकर माथे पर लगा रहे हैं, जबकि संतों का कारवां आगे बढ़ चुका था. इस दौरान संगम तट पर भगवानों के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया था. लोग स्नान करने निकले साधु-संतों की तस्वीरें भी खींच रहे थे.
संतों के पदचिन्हों की धूल को किया माथे पर लगाना
महाकुंभ मेले में मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया. यह स्नान खास था क्योंकि यह सोमवार को पौष पूर्णिमा के दिन के एक दिन बाद हुआ था. महाकुंभ में 13 अखाड़े भाग ले रहे हैं.
महाकुंभ में श्रद्धा से भरे दृश्य
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और कहा, ‘‘यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत रूप है. मकर संक्रांति के इस पावन अवसर पर महाकुंभ-2025 में प्रथम अमृत स्नान करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन.’’