Death Whistle Symptoms: शरीर के एक हिस्से से जुड़ी अजीबोगरीब आवाजें कभी-कभी हमारी सेहत के लिए चेतावनी हो सकती हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि कुछ खास संकेत शरीर में गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं. ऐसे ही एक हिस्से से आने वाली 'मौत की आवाज' पर चर्चा हो रही है, जो यह बताती है कि आपकी सेहत खतरे में है. यह आवाज किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकती है. जानिए कौन सा है यह हिस्सा और इसके पीछे की वजह.
मानव जीवन एक रहस्यमयी यात्रा है, जो जन्म और मृत्यु के बीच चलती रहती है, जिस प्रकार एक शिशु मां के गर्भ में नौ महीने रहता है और फिर जन्म लेता है, उसी तरह मृत्यु से पहले का समय भी संकेतों से भरा होता है. ये संकेत बताते हैं कि अब शरीर को त्यागने और आत्मा की यात्रा शुरू होने का समय नजदीक आ चुका है. आइए, जानें मृत्यु से पहले आने वाले इन अद्भुत संकेतों के बारे में.
ज्योतिष और धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य के शरीर में सात चक्र होते हैं. इनमें नाभि चक्र वह स्थान है, जहां से शरीर की संरचना आरंभ होती है और जहां से प्राण शरीर से अलग होने लगते हैं. मृत्यु के करीब आने पर नाभि चक्र कमजोर पड़ने लगता है. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है, और इसके साथ कई अन्य शारीरिक और मानसिक लक्षण प्रकट होने लगते हैं.
गरुड़ पुराण और समुद्रशास्त्र में उल्लेख मिलता है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति की नाक और उसकी परछाई उसे दिखना बंद हो जाती है. इसका कारण यह है कि आत्मा शरीर से अलग होने की तैयारी करने लगती है, और दृष्टि अपनी प्राकृतिक शक्ति खोने लगती है.
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की रेखाओं को व्यक्ति के जीवन का लेखा-जोखा माना गया है. मृत्यु के करीब पहुंचने पर ये रेखाएं धुंधली और अस्पष्ट हो जाती हैं. समुद्रशास्त्र के अनुसार, यह आत्मा की विदाई का सूचक है.
स्वप्नशास्त्र और सूर्य अरुण संवाद के अनुसार, मृत्यु से पहले व्यक्ति को अशुभ सपने आने लगते हैं. इनमें खुद को गधे पर सवार देखना, बिना सिर के दिखना, या मृत परिजनों का सपना में आना प्रमुख संकेत माने जाते हैं. ये सपने इस बात का संकेत देते हैं कि आत्मा अपने अगले गंतव्य की तैयारी कर रही है.
मृत्यु के करीब पहुंच चुके व्यक्ति को अक्सर अपने आस-पास मृत परिजनों और पूर्वजों का अनुभव होता है. ऐसा माना जाता है कि परलोक में उनकी आत्माएं नए आगंतुक का स्वागत करने के लिए तैयार होती हैं. यह अनुभूति नाभि चक्र के कमजोर होने और आत्मबल के घटने का परिणाम है.
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बिल्कुल करीब आने पर व्यक्ति को यमदूतों का दर्शन होने लगता है. व्यक्ति उनके आने से भयभीत हो सकता है, लेकिन यह आत्मा के परलोक की यात्रा के लिए तैयार होने का स्पष्ट संकेत है.
सांसें जीवन का आधार हैं. गरुड़ पुराण कहता है कि जब मृत्यु करीब आती है, तो व्यक्ति की सांसें उल्टी दिशा में चलने लगती हैं. यह संकेत देता है कि जीवन का चक्र समाप्त होने वाला है.
मृत्यु के समय अक्सर व्यक्ति को यह एहसास होता है कि उसके कई काम अधूरे रह गए. यह स्थिति मन में बेचैनी और कष्ट पैदा करती है. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मृत्यु के समय मन शांत और इच्छाओं से मुक्त हो तो आत्मा आसानी से शरीर त्याग देती है.
यदि इन संकेतों को समय रहते समझा जाए, तो व्यक्ति अपने अधूरे कार्य पूरे कर सकता है और जीवन को बेहतर तरीके से जी सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के समय आत्मा को शांति प्रदान करना बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे उसे परलोक में सुख की प्राप्ति हो सके.
आत्मा की विदाई का सूचक
जीवन और मृत्यु दोनों ही मानव अस्तित्व के अनिवार्य हिस्से हैं. मृत्यु से पहले मिलने वाले संकेत न केवल आत्मा की विदाई का सूचक हैं, बल्कि जीवन के मूल्य को समझने और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। इन संकेतों पर ध्यान देकर हम मृत्यु को एक नए आरंभ के रूप में देख सकते हैं. First Updated : Thursday, 12 December 2024